Vishwa Paryavaran Diwas Kab, Kyun Aur Kaise Manaya Jata Hai

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विश्व पर्यावरण दिवस (Vishwa Paryavaran Diwas) दुनिया भर में विभिन्न पर्यावरणीय चुनौतियों से हमारे पर्यावरण को बचाने और इसके लिए दुनिया भर के लोगों को प्रोत्साहित करने के लिए, मनाये जाने वाले सबसे बड़े दिनों में से एक है। पर्यावरण दिवस को “पीपल्स डे”(People’s Day) भी कहा जाता  है जो पृथ्वी और हमारे पर्यावरण की देखभाल के लिए कुछ करने का दिन है। विश्व पर्यावरण दिवस को व्यापक रूप से 143 से अधिक देशों में मनाया जाता है।

आइए जानते है विश्व पर्यावरण दिवस कब, क्यों और कैसे मनाया जाता है साथ ही इसके उद्देश्यों और इतिहास के बारे में भी विस्तार से देखेंगे।
Vishwa Paryavaran Diwas Kab, Kyun Aur Kaise Manaya Jata Hai?

विश्व पर्यावरण दिवस कब मनाया जाता है / Vishwa Paryavaran Diwas Kab Manaya Jata Hai?

विश्व पर्यावरण दिवस एक अभियान है, जो प्रत्येक वर्ष 5 जून को मनाया जाता है। विश्वभर में पर्यावरण दिवस को लोगों के बीच पर्यावरण के प्रति जागरूकता को बढ़ाने के लिए मनाया जाता है।दुनिया में यह सबसे बड़ा वार्षिक उत्सव है, जिसे संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम (UNEP- United Nation Environment Programme) द्वारा आयोजित किया जाता है। इसका मुख्य उद्देश्य हमारी प्रकृति की रक्षा के लिए लोगो को जागृत करना और साथ ही विभिन्न पर्यावरणीय मुद्दों को देखना है, जो दिन-प्रतिदिन बढ़ते जा रहे है। विश्व पर्यावkरण दिवस सार्वजनिक मुद्दों के लिए एक वैश्विक मंच है जिसमे दुनिया भर के अन्य संगठनों और व्यक्तियों द्वारा भाग लिया जाता है।आज ही के दिन हर साल पर्यावरण के संरक्षण, संवर्धन और विकास का संकल्प लिया जाता है। जिसमे प्रकृति के सरंक्षण की भावना निहित होती है।

विश्व पर्यावरण दिवस क्यों मनाया जाता है? Vishwa Paryavaran Diwas Kyun Manaya Jata Hai?

विश्व पर्यावरण दिवस के वार्षिक उत्सव की शुरुआत विशाल पर्यावरणीय मुद्दों जैसे कि वनों की कटाई, बढ़ती ग्लोबल वार्मिंग, लगातार बढ़ते प्रदूषण और अनेको ऐसी चिंताओं से निपटने के लिए की गई थी। भारत की पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने साल 1974 की अपनी स्पीच में ‘पर्यावरण की बिगड़ती स्थिति एवं उसका विश्व के भविष्य पर प्रभाव’ विषय पर व्याख्यान दिया था। यही पर्यावरण सुरक्षा की दिशा में यह भारत का पहला कदम था। तभी से हम हर साल 5 जून का यह दिन पर्यावरण को समर्पित करते आ रहे हैं।

आज के समय में जल प्रदूषण, वायु प्रदूषण, मृदा प्रदूषण,औद्योगिक प्रदूषण, समुद्रीय प्रदूषण, प्रदूषित नदियां, जलवायु बदलाव और ग्लोबल वार्मिंग का खतरा लगातार बढ़ता जा रहा है। ऐसे जवलंत पर्यावरणीय मुद्दों को संबोधित करना अति आवश्यक है। इसलिए दुनिया भर में प्रभावशीलता लाने के लिए एक विशेष विषय और नारे के साथ विश्व पर्यावरण दिवस के मौके पर कई अभियान चलाए जाते हैं।

साथ ही पर्यावरण की रक्षा के लिए किये जाने वाले उपाए जैसे कार्बन तटस्थता प्राप्त करना, ग्रीनहाउस गैसों के प्रभावों को कम करने, वन प्रबंधन पर ध्यान केंद्रित करना, सौर ऊर्जा के माध्यम से ऊर्जा का उत्पादन करना तथा सौर ऊर्जा का उपयोग करने के लिए प्रोत्साहित करना, पर्यावरण संरक्षण के अन्य तरीकों सहित बाढ़ और कटाव से बचाव के कार्यो को बढ़ावा देना आदि उपायों को जनता तक पहुंचने के लिए भी पर्यावरण दिवस को मनाया जाता है। यही एक ऐसा दिन है जिसमें लोग पर्यावरण के बारे में सोचते हैं। ये दिन हमें उज्जवल भविष्य के लिए एक नए सवेरे की आशा देता है।

विश्व पर्यावरण दिवस मनाने के पीछे उद्देश्य :

  • विश्व पर्यावरण दिवस,पर्यावरण के मुद्दों के बारे में आम जनता में जागरूकता फैलाने के लिए मनाया जाता है।
  • विभिन्न समाज और समुदायों के आम लोगों को उत्सव में भाग लेने के लिए प्रोत्साहित करना,साथ ही उन्हें पर्यावरण सुरक्षा उपायों को विकसित करने में क्रियाशील सदस्य बनने के लिए प्रेरित करना।
  • उन्हें बताना कि पर्यावरण पर नकारात्मक प्रभाव को रोकने के लिए समाज के लोगों का जागरूक होना बहुत आवश्यक है।
  • लोगों को सुरक्षित, स्वच्छ और अधिक समृद्ध भविष्य का आनंद लेने के लिए अपने आस-पास के वातावरण को सुरक्षित और स्वच्छ बनाने के लिए प्रोत्साहित करना।

विश्व पर्यावरण दिवस कैसे मनाया जाता है? / Vishwa Paryavaran Diwas Kaise Manaya Jata Hai?

दुनिया भर में विश्व पर्यावरण दिवस अभियान को प्रभावशील बनाने के लिए हर साल उत्सव का आयोजन एक विशेष थीम और वर्ष के नए नारे के अनुसार किया जाता है। संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम के अंतर्गत हर साल एक देश चुना जाता है जिसे इस कार्यक्रम की मेजबानी करने का मौका मिलता है। वह देश थीम के अनुसार ही कार्य करता है।

इसके साथ ही विश्व पर्यावरण दिवस कई अन्य तरीकों से भी मनाया जाता है। सबसे पहले बढ़ती पर्यावरणीय स्थितियों के बारे में स्थानीय लोगों को जागरूक करना और उन्हें रोकने के तरीके सुझाना, पर्यावरण पर आधारित नाटकों का आयोजन करना, पेड़ लगाना और पेड़ लगाने के महत्व का  व्याख्यान करना। साथ ही बच्चों को भी पर्यावरण दिवस का महत्व समझने के लिए स्कूलों और कॉलेजों में कई कार्यक्रम आयोजित किये जाते है जैसे निबंध लेखन, विषय चर्चा, स्लोगन लिखना, पोस्टर प्रतियोगिता, क्विज प्रतिस्पर्धा और ड्राइंग प्रतियोगिता, थीम पर आधारित प्रदर्शन, फिल्मी शो आदि जैसी गतिविधियाँ काफी लोकप्रिय है।

विश्व पर्यावरण दिवस का इतिहास / Vishwa Paryavaran Diwas Ka Itihaas

वैश्विक पर्यावरण की समस्या पर पहला सम्मेलन साल 1972 में संयुक्त राष्ट्र द्वारा आयोजित किया गया था। संयुक्त राष्ट्र द्वारा आयोजित इस सम्मेलन में 100 से अधिक देशों ने भाग लिया था। इस सम्मेलन में मानव तथा पर्यावरण के संबंधो पर चर्चा की गई, जिसके दौरान संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम (UNEP-United Nations Environment Programme) का निर्माण हुआ। इसका उद्देश्य हमारे पर्यावरण की सुरक्षा के लिए दुनिया भर में राजनीतिक और सामाजिक चेतना जागृत करना तथा आम नागरिको को इसके लिए प्रोत्साहित करना था। इसी सम्मेलन में हर साल 5 जून को पर्यावरण दिवस मनाने की घोषणा की गई। पर्यावरण दिवस की घोषणा के दो साल बाद 1974  में पहली बार विश्व पर्यावरण दिवस “केवल एक पृथ्वी” (Only One Earth) थीम के साथ मनाया गया था। 1974  के बाद से, विश्व पर्यावरण दिवस को मानव जीवन में स्वस्थ और पर्यावरण के महत्व को बढ़ाने के लिए प्रत्येक 5 जून को एक वार्षिक उत्सव के रूप में मनाया जाने लगा।अपनी स्थापना के बाद से, विश्व पर्यावरण दिवस, पर्यावरणीय मुद्दों पर जागरूकता बढ़ाने के लिए एक वैश्विक मंच के रूप में विकसित हुआ। यह प्रदूषण, मानवीय गतिविधियाँ , ग्लोबल वार्मिंग और वन्यजीव अपराध के बारे में जागरूकता बढ़ाने से लेकर अन्य कई पर्यावरणीय मुद्दों के लिए एक प्रमुख अभियान बन गया है। अब इसे 143 से अधिक देशो में मनाया जाता है।

विश्व पर्यावरण दिवस की थीम्स / Vishwa Paryavaran Diwas ki themes

  • 2005 के विश्व पर्यावरण दिवस आयोजन सैन फ्रांसिस्को (San Francisco) में हुआ था, “Green Cities” -Plant for the Planet ( ग्रीन सिटिस -प्लांट फॉर दी प्लेनेट) जिसकी थीम थी।
  • 2006 का विषय “डेसेर्ट्स और  डेसर्टीफिकेशन” (Deserts and Desertification) था और समारोह अल्जीरिया ( Algeria) में आयोजित किया गया था।
  • 2007 के विश्व पर्यावरण दिवस की थीम “मेल्टिंग आइस- एक हॉट टॉपिक? ”(Melting Ice-a Hot Topic?) थी – नॉर्वे (Norway) के ट्रोम्सो शहर में आयोजित किया गया था।
  •  2008  के संस्करण का नारा था “किक द हैबिट! टुवर्ड्स ए लौ कार्बन इकोनॉमी ” (Kick the Habit! Towards a Low Carbon Economy), यह न्यूजीलैंड (New Zealand) द्वारा होस्ट किया गया था।
  • 2009 में, विश्व पर्यावरण दिवस की थीम थी “योर प्लेनेट नीड्स यू – यूनाइट टू कॉम्बैट क्लाइमेट चेंज” (Your Planet Needs You-Unite to Combat Climate Change), जिसे मेक्सिको (Mexico) ने होस्ट किया था।
  •  2010 जैव विविधता (biodiversity) पर केंद्रित था और रवांडा (Rwanda) द्वारा होस्ट किया गया था।
  •  2011 में, UNEP (संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम ) ने, विश्व पर्यावरण दिवस को हमारे ग्रह के फेफड़ों की सुरक्षा के लिए समर्पित किया। जिसकी भारत (India) ने, फारेस्ट -नेचर एट योर सर्विस (Forests – Nature At Your Service) थीम के साथ मेजबानी की थी।
  •  2012 में, ब्राज़िल (Brazil) ने “ग्रीन इकोनॉमी: डस इट इन्क्लुडे यू?”(Green Economy: Does it Include You?) नारे के तहत समारोह की मेजबानी की।
  • 2013 विश्व पर्यावरण दिवस “थिंक, ईट, सेव – रीडूस योर फुटप्रिंट ” (Think, Eat, Save- Reduce Your Footprint) के नारे के साथ भोजन की बर्बादी पर आधारित किया गया था। संयुक्त राष्ट्र ने हमें याद दिलाया कि उत्पादित किए गए खाद्य पदार्थों में से एक तिहाई उत्पादन खेत से खाने की टेबल तक पहुँचने में असफल  रहता है, जिसका मतलब  है कि 1.3 बिलियन टन के करीब भोजन बर्बाद हो जाता है। यह राशन दुनिया भर में भूख से पीड़ित 870 मिलियन लोगों को खिलाने के लिए पर्याप्त होगा। यह मंगोलिया (Mongolia) में आयोजित हुआ था।
  • 2014 समुद्र के लिए समर्पित था, “अपनी आवाज उठाएं न कि समुद्र स्तर!” (Raise your Voice not the Sea Level) समुद्र के बढ़ते स्तर के कारण द्वीप राष्ट्रों की  समस्याओं के प्रति जागरूकता बढ़ान इसका मुख्य उदेश्य था। बारबाडोस (Barbados) इस विश्व पर्यावरण दिवस के उत्सव का होस्ट बना था।
  • 2015 में, विश्व पर्यावरण दिवस को मिलान, इटली (Italy) द्वारा “सेवन बिलियन पीपल” -वन प्लेनेट कंसुम विथ केयर  (Seven Billion People. One Planet. Consume with Care) थीम के तहत होस्ट किया गया था।
  •  2016 संस्करण का विषय था “वन्यजीवों में अवैध व्यापार के लिए शून्य सहिष्णुता” (“Zero tolerance for the illegal trade in wildlife”) इसे अंगोला (Angola) द्वारा आयोजित किया गया था।
  • 2017 में विश्व पर्यावरण दिवस कार्यक्रम कनाडा (Canada) द्वारा होस्ट किया गया। इस आयोज़न का नारा था, ” कनेक्टिंग पीपल विथ नेचर ” (Connecting People with Nature) जिसके द्वारा यह उजागर किया गया की हम प्रकृति के साथ पूरणता जुड़े हुए है और हमे इसकी रक्षा करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभानी है। ।
  •  2018 विश्व पर्यावरण दिवस की मेजबानी भारत (India) द्वारा की गयी। भारत द्वारा होस्ट किए गए 2018 संस्करण का उद्देश्य “बीट प्लास्टिक प्रदूषण”(Beat Plastic Pollution) था।
  •  2019 में विश्व पर्यावरण दिवस का आयोजन चीन (China) में किया गया था। जिसकी थीम  “बीट एयर प्रदूषण” (Beat Air Pollution) थी। जो कि चीन द्वारा चुना गया मुद्दा है, जो इस पर्यावरणीय समस्या से अत्यधिक प्रभावित देश है। चीन इसके लिए किये गए प्रयासों पर ध्यान केंद्रित करना चाहता था।
  • विश्व पर्यावरण दिवस 2020 ,की  थीम “जैव विविधता” पर आधारित है, जो 5 जून, 2020 को कोलंबिया में मनाया जाएगा। लेकिन वर्त्तमान समय में विश्व एक भयंकर महामारी “कोरोना” का सामना कर रहे है। इसलिए ये अभी निश्चित नहीं है, हो सकता है इस थीम को आने वाले साल के लिए आगे बड़ा दिया जाये।

विश्व पर्यावरण दिवस स्लोगन्स / Vishwa Paryavaran Diwas Slogans

आजकल, पर्यावरण का मुद्दा बहुत बड़ा विषय है, जिसके बारे में सभी को जागरुक होना चाहिए और इस परेशानी का सामना करने के लिए अपने सकारात्मक प्रयास करने चाहिए। इस 5 जून, आप भी जलवायु परिवर्तन का मुकाबला करने के लिए कुछ कार्य अवश्य करे, पर्यावरण की रक्षा करें और वातावरण के प्रति अपना समर्पण दिखाएं। जिससे आप पर्यावरण के लिए किये जाने वाले कार्यो में भागीदार बनेंगे। वातावरण या प्रकृति हमरे जीवन का आधार है ,पर्यावरण दिवस हर एक दिन और सभी जीवित प्राणियों और यहां तक ​​कि पृथ्वी पर रहने वाले सभी प्राणियों के साथ मनाया जाना चाहिए। प्रकृति की देखभाल करे और विश्व पर्यावरण दिवस में भाग लें।

आश्चर्य  की बात है पर्यावरण और जीवन का अटूट संबंध है फिर भी हमें अलग से यह दिवस मनाकर पर्यावरण के संरक्षण और विकास का संकल्प लेने की आवश्यकता है। यह बात चिंताजनक ही नहीं, शर्मनाक भी है।


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