Tree of 40 fruits in Hindi (ट्री ऑफ 40 फ्रूट्स)

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समय के साथ विज्ञान का प्रयोग करके इंसान तरक्की की ऊंचाईया छू रहा है। जो चीजें एक समय दुनिया के लिए नामुमकिन समझी जाती थी उन्हीं चीजों का आज हम सफलता के साथ प्रयोग कर रहें है। हाल ही में इंसान और विज्ञान के मेल से एक अद्भुत अविष्कार हुआ है जिस पर यकीन करना बहुत मुश्किल है। (Tree of 40 fruits)

क्या आप एक ही पेड़ में विभिन्न प्रकार के फल ऊगा सकते है? क्या अपने एक ही पेड़ को विभिन्न किस्मों के फलों से लदे देखा है?  नहीं न?? क्योंकि आमतौर पर ऐसा माना जाता है कि एक पेड़ पर एक ही तरह का फल लग सकता है। हम सब ने बचपन से यही बात सुनी और सीखी है। लेकिन ऐसा नहीं है। 20 वी सदी के इंसान ने वह कर दिखाया है जो कोई सोच भी नहीं सकता। दुनिया में एक जगह ऐसी है, जहां एक ही पेड़ पर 40 तरह के फल लगते हैं। जी हाँ, अमेरिका के एक प्रोफेसर ने एक ऐसा ही अद्भुत पेड़ तैयार किया है, जिस पर 40 प्रकार के फल लगते हैं। यह अनोखा पौधा ट्री ऑफ 40 (Tree of 40 frfuits) नाम से मशहूर है।

ट्री ऑफ 40 फ्रूट्स / Tree of 40 fruits in Hindi

अब आप सोचेंगे यह कैसे संभव है। ऐसा पेड़ सिर्फ कल्पना की दुनिया में ही होता है इसमें कोई वास्तविकता नहीं है, पर जनाब दुनिया में ऐसा कुछ भी नहीं है जो एक इंसान नहीं कर सकता और इस बात का एक दिलचस्प उदाहरण है ट्री ऑफ़ 40 फ्रूट्स (Tree of 40 fruits), एक ऐसा पेड़ जिस पर 40 प्रकार के फल एक साथ उगते है। पर कौन है वे शख्स जिसने यह करिश्मा कर दिखया है? साथ ही वह कौन सी तकनीक है? जिसे यह कल्पना हकीकत बन गयी।

तो चलिए आपको वास्तविकता से रूबरू करवाते है और इस पेड़ के बारे में सब कुछ जानते है।  

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image via Sam Van Aken courtesy Ronald Feldman Fine Art, Tree of 40 Fruit – nursery – DSC 0302, CC BY-SA 4.0

सैम वान एकेन / Sam Van Aken

न्यूयॉर्क सिटी की सिरैक्यूज़ विश्वविद्यालय (Syracuse University) में, दृश्य कला के प्रोफेसर (Visual Art Professor) तथा मूर्तिकार (Sculptor) सैम वान एकेन (Sam Van Aken) ने ही इस अविश्वसनीय वृक्ष (Tree of 40 fruits) का निर्माण किया है। सैम वान एकेन का बचपन अपने परिवार के खेत में ही बिता, वहीँ वे पले-बढ़े। इसलिए एक किसान परिवार से होने के कारण उन्हें कृषि के क्षेत्र में ख़ासी दिलचस्पी थी, लेकिन उन्होंने अपने कॉलेज के वर्षों और अपने शुरुआती करियर का अधिकांश समय कृषि के बजाय कला पर केंद्रित किया।

यह सब कैसे शुरू हुआ।

यह सब तब शुरू हुआ जब 2008 में, वैन एकेन को पता चला कि न्यू यॉर्क स्टेट एग्रीकल्चरल एक्सपेरिमेंट स्टेशन (New York State Agricultural Experiment Station) का एक बाग, पैसे की कमी के कारण बंद होने वाला था। यह बाग एक प्राकृतिक विरासत था, इसमें कई ऐसी दुर्लभ तथा प्राचीन, फलों की देशी किस्मों को उगाया जाता था, जिसमें से कुछ तो 100 से 150 वर्ष पुराने थे।

इस बाग को खोने से कई दुर्लभ और पुरानी किस्मों के फल विलुप्त हो जाते। इसलिए उन्हें संरक्षित करने के लिए, वैन एकेन ने बाग को लीज पर ले लिया। उन्हें हमेशा से खेती में दिलचस्पी थी, इसलिए कई वर्षों तक यह खोज की कैसे इन सबको संरक्षित किया जा सकता है। तब उन्हें ग्राफि्ंटग नामक तकनीक के बारे में विचार आया। उन्हें ग्राफि्ंटग के बारे में जानकारी भी थी। इस पद्दती से एक पेड़ पर कई तरह के फल लगाएं जा सकते है।

तो उन्होंने ग्राफ्टिंग तकनीक (Grafting Technique) के साथ प्रयोग करना शुरू किया। और नतीजा? ट्री ऑफ 40 (Tree of 40 Fruits) – एक विचित्र तथा अद्भुत, बहुरंगी पेड़ जिस पर गुठलीदार फलों की 40 विभिन्न क़िस्में एक साथ उगती है जैसे कि प्लम, आड़ू, खुबानी और चेरी आदि। वैन एकेन ने इस पेड़ का नाम ट्री ऑफ 40 (Tree of 40 Fruits) रखा है।

प्रोफेसर सैम वैन एकेन का कहना है कि वह अपने काम को एक वैज्ञानिक प्रयोग से ज्यादा एक कला परियोजना (Art Project) मानते हैं। क्योंकि उन्होंने इस पेड़ की कल्पना कला के एक बहतरीन नमूने के रूप में की थी। जैसे ही वे इस पेड़ में कुछ नया जोड़ते, वैसे ही इसका आकार बदल जाता। जैसे कोई मूर्तिकार किसी मूर्ति तो तराशता है। 2008 में उन्होंने इस प्रोजेक्ट को शुरू किया था और ग्राफ्टिंग तकनीक का प्रयोग करते हुए 9 साल  बाद इस अद्भुत पेड़ को ईजाद कर दिखाया ।

ग्राफ्टिंग तकनीक क्या है / what is grafting technique?

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image via Malcolm Manners from Lakeland FL, USA, Veneer graft, CC BY 2.0

ग्राफ्टिंग तकनीक में वृक्षारोपण (पेड़ लगाने) की एक अलग प्रक्रिया का उपयोग किया जाता है। इसमें कली सहित पेड़ की एक टहनी को काटकर अलग किया जाता है। इसके बाद सर्दी के मौसम में इसे मुख्य पेड़ में छेद करके लगा दिया जाता है, फिर जुड़े हुए स्थान पर पोषक तत्वों का लेप लगाकर पट्टी बांध दी जाती है और इसे पुरे सर्दी के मौसम के लिए ऐसे ही छोड़ दिया जाता है। इसके बाद टहनी धीरे–धीरे मुख्य पेड़ से जुड़ जाती है और उसमें फल–फूल आने लगते हैं।

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किस तरह हुए सफल सैम वॉन?

बहु-फलों वाले पेड़ों को बनाने के लिए की जाने वाली ग्राफ्टिंग प्रक्रिया सुनने में जितनी जटिल लगती है उतनी है नहीं। प्रोफेसर सैम वॉन ने इस तकनिक के तहत अलग-अलग पेड़ो की टहनियों को बगीचे में लगाए एक मुख्य पेड़ से जोड़ा। वैन एकेन केवल उन पेड़ों का उपयोग किया, जिसमे गुठलीदार फल पैदा होते हैं, या जिन पेड़ो में गड्ढे होते हैं, क्योंकि इस प्रकार के पेड़ एक-दूसरे के अनुकूल होते हैं। उन्होंने मुख्य पेड़ में चीरा लगा कर अलग-अलग पेड़ो की टहनियों को लगाया, फिर उसे एक साथ जोड़ने के लिए उस पर लेप लगा कर, बिजली के टेप या किसी प्लास्टिक का प्रयोग करके उसको बांध दिया। कम से कम 2 वर्षों तक यह ऐसे ही बढ़ता रहा। इस बीच विभिन्न पेड़ों की “नसें” एक दूसरे से जुड़ने लगी और सम्पूर्ण पेड़ एक ही संवहनी प्रणाली (Vascular system) साँझा करने लगा। यह मुख्य पेड़ को यह विश्वास दिलाने के लिए है कि नए जोड़े गए टुकड़े स्वयं का हिस्सा हैं।

जब ये पेड़ लगभग दो साल का था, तब वैन एकेन ने अलग-अलग शाखाओं के रूप में और अधिक किस्मों को जोड़ने के लिए चिप ग्राफ्टिंग नामक एक तकनीक का उपयोग किया। इस तकनीक में भी एक फलदार पेड़ से कलियों को निकला कर इन्हे मुख्य पेड़ में चीरा लगा कर जोड़ा और नई कलियों को प्लास्टिक में लपेट दिया जिसे ग्रीनहाउस प्रभाव पैदा हो। और फिर इसे कुछ समय के लिए छोड़ दिया।

अपने पेड़ के तीन साल तक ठीक से जुड़ने बाद, एकेन फिर साल में दो बार पेड़ को देखने जाते थे, वसंत में एक बार शाखाओं को काटने के लिए और गर्मियों में फिर से अधिक ग्राफ्ट जोड़ने के लिए। साथ ही उन्होंने इस बात का भी ध्यान रखा की “फलों की प्रत्येक किस्म अलग समय पर खिलती है,” तो उन्होंने पेड़ को इस तरह से तराशा यानि इस प्रकार विभिन्न पौधो को जोड़ा ताकि यह पूरी गर्मियों में अलग-अलग फल दे सके।

वैन एकेन के 40 फलों के पेड़ (Tree of 40 fruits) को अपने चरम पर पहुंचने में कम से कम नौ साल लगे हैं- जिसमें ग्राफ्टेड शाखाओं को विकसित होने में पांच साल और अलग-अलग फलों के प्रकट होने में चार साल लगे हैं।

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image via Sandy Austin whanau on Flickr, Dacrycarpus dacrydioides cones2, CC BY 2.0

यह वास्तव में अधिकांश वर्ष के लिए एक सामान्य पेड़ की तरह दिखता है, लेकिन वसंत ऋतु में पौधे गुलाबी, सफेद, लाल और बैंगनी फूलों की एक भव्य कलाकृति दिखते है, जो प्लम, आड़ू, खुबानी, अमृत, चेरी और बादाम की एक सरणी में बदल जाता है।

प्रारम्भ में प्रत्येक पेड़ किसी न किसी प्रकार के विज्ञान प्रयोग के समान दिखने वाले नमूने के रूप में शुरू होता है, और अधिकांश वर्ष के लिए, किसी भी अन्य पेड़ की तरह दिखता है। वसंत ऋतु में जब पेड़ पर गुलाबी, सफेद, लाल और बैंगनी फूलों की एक भव्य कलाकृति उभर आती है, तो ऐसा अद्भुत तथा अविश्वसनीय

नज़ारा सबके सामने होता है फिर कुछ महीनों के बाद वैन एकेन के पेड़ प्लम, आड़ू, खुबानी आदि कई दुर्लभ फलों से भर जाते है। जिनमें से कई आपने पहले कभी नहीं देखे होंगे।

ऐसे कितने पेड़ है?

एक रिपोर्ट के अनुसार सैम वैन एकेन ने 2014 तक करीब 16 पेड़ बना चुके है। जिन्हे देश भर में विभिन्न शहरों के संग्रहालयों, सामुदायिक केंद्रों और निजी कला संग्रहों में लगाए हैं। यह जगह है न्यूटन, मैसाचुसेट्स (Newton, Massachusetts; पाउंड रिज, न्यूयॉर्क (Pound Ridge city of New York); शॉर्ट हिल्स, न्यू जर्सी  (Short Hills, New Jersey); बेंटनविल, अर्कांसस (Bentonville, Arkansas); और सैन जोस, कैलिफोर्निया (San Jose, California।  सैम वॉन का सपना है की वो न्यूयार्क शहर में “ ट्री ऑफ 40” (Tree of 40 fruits) का एक शानदार बगीचा बनाने चाहते है।

ग्राफि्ंटग (Grafting) द्वारा बनाया गया यह 40 फलों वाला पेड़ (Tree of 40 fruits), फलदार पेड़ होने के साथ दिखने में भी काफी खूबसूरत है। साथ ही यह दुनिया के गुठलीदार फलों की कई प्राचीन और दुर्लभ किस्मों को संरक्षित करने में भी मदद कर रहा है। एक अनूठी प्रक्रिया का उपयोग करते हुए वैन एकेन ने फलों की कई दुर्लभ किस्मों को लुप्त होने से बचाया है। इस पेड़ की खूबसूरती को देखने के लिए आज दुनियाभर के लोगो को इस बगीचें में खींच लाती है। ऐसे अनूठे पेड़ को देखना वास्तव में एक अद्भुत अनुभव है।

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