रमजान (RAMAZAN) के महीने को इबादत का महीना कहा जाता है। हर साल दुनिया भर के मुसलमान रमजान (RAMAZAN) के इस पवित्र त्योहार को मनाते हैं। रमजान जो पुरे महीने चलता है इसमें हर शख्स आत्मनियंत्रण, प्रार्थना और रोजे रख कर अल्लाह की इबादत करता है। रमजान (RAMAZAN) के बाद ईद का त्योहार बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है।
आइए रमजान (RAMAZAN) के बारे में कुछ ख़ास बातों पर नज़र डालते है।
- रमजान (RAMAZAN) इस्लामी कैलेंडर का नौवां और सबसे पवित्र महीना है। इस्लामिक मान्यता के अनुसार, इस्लाम धर्म की पवित्र पुस्तक “कुरान” का ज्ञान पैगंबर मुहम्मद को इसी महीने के दौरान ही हुआ था। RAMAZAN को कुरान का जशन माना जाता है।
- मुसलमान यह भी मानते हैं कि रमजान (RAMAZAN) के महीने के दौरान स्वर्ग के दरवाजे खुलते हैं और नरक के दरवाजे बंद हो जाते हैं। मुसलमान RAMADAN के महीने का उपयोग अल्लाह से अपना सीधा संबंध स्थापित करने, अपने जीवन में आत्मनियंत्रण लाने के लिए और परिवार के साथ समय बिताने के लिए करते हैं।
- रमजान (RAMAZAN) के दौरान रोजा रखना इस्लाम के पांच स्तंभों में से एक है।
- रमजान एक अरेबिक शब्द है। ये अरेबिक के रमीदा और रमद शब्द से मिलकर बना है। इसका मतलब है चिलचिलाती गर्मी और सूखापन।
- RAMAZAN की आधिकारिक शुरुआत नए चंद्रमा के पहले अर्धचंद्र के दिखने के बाद होती है, और इसलिए यह दुनिया भर में अलग-अलग समय पर शुरू होता है।
- रमजान (RAMAZAN) के दौरान, मुसलमान पुरे महीने सुबह से सूर्यास्त तक रोजा करते हैं। हालांकि, इस दौरान कुछ लोग जैसे बीमार, गर्भवती,मासिक धर्म से पीड़ित या यात्रा करने वालों के साथ-साथ ,छोटे बच्चों और बुजुर्गों के लिए रोजा ना रखने की छूट है।
- रोजे के समय तरल पदार्थ पीना, धूम्रपान करना, और यौन गतिविधियों में संलग्न होना आदि सभी निषेद है। इस्लाम धर्म में, रोजा लोगों को अनुशासन, त्याग, विचारशीलता और सहानुभूति सिखाता है।
- रोजे के दौरान रोजेदार पूरे दिन बिना कुछ खाए पिए रहते हैं। हर दिन सुबह सूरज उगने से पहले थोड़ा खाना खाते है। इसे सुहूर (Suhoor) कहते हैं। उसके बाद शाम ढलने पर खाना खाते हैं जिसे इफ्तार कहते हैं।
- RAMAZAN के दौरान खास दुआएं पढ़ी जाती हैं। हर दुआ का समय अलग अलग होता है। रमजान के समय की जाने वाली ख़ास दुआओ का मतलब भी अलग अलग होता है। रात के समय की जाने वाली खास दुआ को तारावीह (Tarawih) कहते हैं।
- RAMADAN के दौरान रोजेदार हर रोज खजूर खाकर रोजा खोलते हैं।
- रमजान के दौरान पूरे महीने कुरान पड़ी जाती है। इस्लाम के पांच स्तम्भों में से एक कुरान को माना गया है। रोजे के वक्त कुरान पढ़ने से अल्लाह अपने बंदों पर अपनी रहमत करता है और उनके लिए जन्नत का दरवाजा खोलते हैं।
- रमजान (RAMAZAN) के वक्त रोजेदारों को दान (जकात) जरूर देना चाहिए। दान को हर मुसलमान का फर्ज कहा गया है। इससे उन पर अल्लाह की रहमत बरसती है।
- RAMAZAN के दौरान रोजा रखने वालो को बुरे कामो से दूर रहना चाहिए, उन्हें न तो झूठ बोलना चाहिए, न किसी की बुराई करनी चाहिए और न ही लड़ाई झगड़ा करना चाहिए। जो इस पाक महीने में बुरे काम करता है उससे नरक में जाना पड़ता है।
- RAMAZAN साल का नौवां महीना है। इस महीने के खत्म होते ही 10वां महीना शव्वाल शुरू होता है। इस माह की पहली चांद रात ईद की चांद रात होती है।
- रमजान के खत्म होने के बाद अगले दिन, मुसलमान ईद का त्योहार मनाते हैं। सबको ईदी या तोहफे दिए जाते हैं। घरों में खास तौर पर किमामी सेवइयां, शीर और दूध वाली सेवइयां बनाई जाती हैं।
- RAMAZAN का पाक महीना ईद के तयोहार के साथ खत्म हो जाता है एक महीने की सख्त नियमों का पालन करते हुए मुसलंमान अल्लाह की इबादत करते है और दुनिया को यह समझते है की इंसानियत ही सबसे बड़ा धर्म है।
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