पंडित जवाहरलाल नेहरू (Chacha Nehru) के बारे मे 11 रोचक तथ्य

Jawaharlal Nehru_Facts_HIndi
शेयर करें

पंडित जवाहरलाल नेहरू न केवल हमारे पहले प्रधानमंत्री थे, बल्कि एक अच्छे इंसान भी थे । एक महान स्वतंत्रता सेनानी, ज्ञानी राजनेता और स्वतंत्रत भारत के वास्तुकार – जवाहरलाल नेहरू के जन्मदिवस को प्रति वर्ष बाल दिवस के रूप में मनाया जाता है। बच्चों से उन्हें बहुत प्रेम था, उनके हृदय मे बच्चों  प्रति विशेष स्थान था। नेहरू जी को चाचा नेहरू के नाम से जाना जाता था।

जवाहरलाल नेहरू या चाचा नेहरू के जन्मदिन पर हम उनके बारे मे 11 रोचक तथ्यों पर आपका ध्यान केंद्रित कर रहे हैं

1. गृह शिक्षा (Home Schooling)

भारत के पहले प्रधानमंत्री ने 15 वर्ष की आयु (किशोरावस्था) तक गृह शिक्षा प्राप्त की थी। उनके पिता और उस समय के भारत के प्रसिद्ध बैरिस्टर, मोतीलाल नेहरू ने उनकी शिक्षा पद्धति में विशेष रुचि ली। उन्होंने यह सुनिश्चित किया कि युवा नेहरू कुशल शिक्षक और गवर्नेंस की सहायता से घर पर ही पूर्ण शिक्षा प्राप्त करे। इसके बाद उन्होंने विदेश में अपनी आगे की पढ़ाई की।1912 में वह भारत लौटे, इलाहाबाद में एक वकील के रूप में अभ्यास किया और बैरिस्टर बनने के लिए योग्य हुए।

2. नोबल पुरस्कार का नामांकन

भारत के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू को 1950-1955 के दौरान, 11 बार शांतिपूर्ण कार्य के लिए नोबेल पुरस्कार (Nobel Peace Prize) के लिए नामांकित किया गया लेकिन उन्हें ये वैश्विक सम्मान कभी नहीं मिला। आधुनिक भारत की नींव रखने के लिए नोबेल फाउंडेशन (Nobel Foundation) ने कई बार नोबेल पुरस्कार के लिए नेहरू के नाम पर विचार किया पर इस विचार ने वास्तिवकता का रूप कभी नहीं लिया। पंडित नेहरू के राजनीतिक गुरु महात्मा गांधी को भी पांच नामांकन के बावजूद नोबेल पुरस्कार से सम्मानित नहीं किया गया था।

3. जेल में लगभग एक दशक

आप में से बहुत से लोग यह जानते कि भारत के स्वतंत्रता संग्राम के दौरान जवाहरलाल नेहरू कई बार जेल गए थे, लेकिन आप में से कम ही लोग यह जानते होंगे कि उन्होंने अपने जीवन के लगभग 10 साल जेल में अंग्रेज़ों से आज़ादी के लिए लड़ते हुए बिताए थे। भारत के स्वतंत्रता संघर्ष के दौरान नेहरू को 9 बार जेल हुई थी। नेहरू को अंग्रेजों ने कुल मिलाकर 3259 दिनों की जेल में डाला था, जो जेल में बिताए उनके जीवन के लगभग एक दशक के बराबर है।

4. 555 के शौकीन

नेहरू जी को धूम्रपान करने का बहुत शौक था। कहा जाता है, प्रसिद्ध सिगरेट ब्रांड ‘555’ उनका पसंदीदा ब्रांड था। पंडित नेहरू के विभिन्न चित्र हैं जहाँ वह धूम्रपान करते हुए दिखाई देते हैं। एक बार वे भोपाल की यात्रा पर थे और वह अपने साथ सिगरेट ले जाना भूल गए और भोपाल के बाजार में भी इस ब्रांड की सिगरेट नहीं मिली। फिर उन्होंने भोपाल से इंदौर एक एयरजेट भेजा वह भी सिर्फ अपनी पसंद का ब्रांड लाने के लिए। एयरपोर्ट पर कुछ पैकेट भेजने के बाद प्लेन वापस लौट आया।

5. नेहरू जी से जुड़ी एक याद रखने योग्य घटना

पंडित जवाहरलाल नेहरू से जुड़ी बहु प्रचलित बात है जो कई लोग जानते हैं कि उन्हें ब्रिटिश लड़की एडविना माउंटबेटन (Edwina Mountbatten) से प्यार हो था। हम इंटरनेट पर नेहरू और एडविना की कई तस्वीरों को भी एक साथ देख सकते हैं। एडविना माउंटबेटन की बेटी पामेला हिक्स नेई माउंटबेटन (Pamela Hicks nee Mountbatten) ने इस बात की पुष्टि भी करी है। पामेला हिक्स ने अपनी किताब “एंपायर की बेटी: लाइफ फॉर ए माउंटबेटन”  (Daughter of Empire: Life as a Mountbatten) मे लिखा था, कि भारत के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू और उनकी माँ एडविना माउंटबेटन एक-दूसरे से गहरा प्यार करते थे और एक-दूसरे का सम्मान करते थे। ये पुस्तक मूल रूप से 2012 में ब्रिटेन में प्रकाशित हुई थी। यह कोई नहीं जानता कि उन्होंने किस प्रकार का संबंध साझा किया है, लेकिन वे निश्चित रूप से एक “गहरा रिश्ता” था और ऐसे कई पत्र मिले है जो वह एक दूसरे को लिखते थे, जो उनके बीच संबंधों को बताते हैं।

6. प्लेबॉय पत्रिका में नेहरू का इंटरव्यू (Interview)

भारत के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू का एक इंटरव्यू 1963 के अक्टूबर संस्करण में प्लेबॉय मैगज़ीन (Playboy Magazine) में प्रकाशित किया गया था, बल्कि मैगज़ीन के कवर पेज पर उनकी फोटो भी छपी थी। पर क्या जवाहरलाल नेहरू ने एडल्ट मैगज़ीन प्लेबॉय को इंटरव्यू दिया था? यह सवाल आधी सदी से एक पहेली बना हुआ है। भारत के पहले प्रधानमंत्री प्लेबॉय मैगज़ीन पर प्रकाशित होने वाले पहले भारतीय थे। यह इंटरव्यू एक प्रश्न-उत्तर प्रारूप में लिखा गया था जिसमे “नेहरू ने कई मुद्दों पर बात की है”। अब यह कहना मुश्किल है की उन्होंने स्वयं पत्रिका को इंटरव्यू दिया या यह उनके विभिन्न भाषण या बयानों में से ली गयी बातें थी जिसे इंटरव्यू का रूप दे दिया। नेहरू जी से जुड़ी  यह बात अभी भी एक अनसुलझी पहेली है।

7. नेहरू जैकेट (Nehru Jacket)

 नेहरू जी के क्लासिक कपड़ों का स्टाइल अभी भी मौजूद है आज तक इसको फॉलो किया जाता है। अपनी अंग्रेजी शिक्षा के बावजूद, नेहरू ने स्वतंत्रता आंदोलन के दौरान पश्चिमी पहनावे का त्याग किया और इसके बजाय कुर्ता और चूड़ीदार जैसे भारतीय परिधानों का इस्तेमाल पर जोर दिया। उनकी गांधी टोपी और जैकेट उनकी पहचान बन गयी। चाचा नेहरू के लिए बच्चे और गुलाब दोनों को ही कुदरत की कृपा और सुंदरता थे। जितना वह बच्चो से प्यार करते थे उतना ही उन्हें गुलाब पसंद थे। इसलिए वे हमेशा अपनी जैकेट के सामने एक गुलाब रखते थे। नेहरू जी की जैकेट अब नेहरू जैकेट (Nehru Jacket) के नाम से जानी जाती है।

8. धर्मनिरपेक्ष भारत के निर्माता

यद्यपि भारतीय संविधान डॉ. बी आर अंबेडकर (Dr. B R Ambedkar) द्वारा संगृहीत किया गया था, लेकिन पंडित नेहरू सविधान के निर्माण मे  अहम भूमिका निभाई। वह पंडित जी ही थे जिन्होंने संविधान में अनुच्छेद 44 को पेश किया था। जो भारत को ‘धर्मनिरपेक्ष राज्य’ के रूप में स्थापित करने की मांग करता था।

9. अपनी जीवनी स्वयं लिखी

नेहरू की आत्मकथा, ‘टुवर्ड फ्रीडम’ (Toward Freedom), को स्वयं उनके द्वारा लिखा गया था, जब वह जेल में थे। जैसा कि हम जानते हैं कि अधिकांश स्वतंत्रता सेनानियों को जेल के दौरान लिखने की आदत थी, 1930  के दशक में जब पंडित जवाहरलाल नेहरू जेल में थे उन्होंने अपनी आत्मकथा लिखी। उनके द्वारा लिखित पुस्तक “टूवर्ड फ्रीडम” का प्रकाशन वर्ष 1936 में यूएसए संयुक्त राज्य अमेरिका में किया गया था। उन्हें भारत का बहुत गहरा ज्ञान था, जिसे हम उनकी पुस्तक “डिस्कवरी ऑफ इंडिया” (Discovery of India) में देख सकते हैं। एक शो है जिसका नाम “भारत एक खोज” (Bharat ki Khoj) है जो उनकी किताब पर बनाया गया था जो भारतीय इतिहास को प्रागैतिहासिक काल से भारत की स्वतंत्रता तक दर्शाता है। द डिस्कवरी ऑफ इंडिया के साथ उन्होंने ग्लिम्प्स ऑफ वर्ल्ड हिस्ट्री (Glimpses of World History) जैसी प्रसिद्ध किताब भी लिखी।

10. हत्या के प्रयासों से बचे

पंडित नेहरू के जीवनकाल के दौरान, उनकी हत्या के चार बार प्रयास किये गए, परन्तु वह हर बार इन प्रयासों से बच गए। इतिहासकारों का कहना है कि 1947 में भारत के विभाजन के दौरान सबसे पहले उन्हें मारने की कोशिश की गई, फिर 1955 में एक रिक्शा चालक और 1956 और 1961 में अन्य दो लोगों ने प्रधानमंत्री नेहरू की हत्या की कोशिश की।

11. उनकी अंतिम यात्रा में 15 लाख से अधिक लोग शामिल हुए

27 मई 1964 को पंडित नेहरू की दिल का दौरा पड़ने से मृत्यु हो गई। ऐसा कहा जाता है कि उनके दाह संस्कार के लिए 1.5 मिलियन से अधिक लोग इकट्ठा हुए थे, क्योंकि वह वास्तव में सभी से बहुत प्यार करते थे। गांधी जी के अंतिम संस्कार बाद दूसरी सबसे बड़ी अंतिम यात्रा थी जहाँ लोगों का इतना अधिक जमावड़ा था।

महात्मा गांधी (Mahatma Gandhi) के जीवन से जुड़े 21 रोचक तथ्य


शेयर करें

Related posts

Leave a Comment