कहाँ से आयी श्रापित मम्मी? Kahan se aayi shraapit mummy ?
19 वीं सदी के अंत और 20 वीं सदी की शुरुआत में मिस्र की श्रापित मम्मी का अभिशाप (Curse of Mummy) सभी के दिल और दिमाग में बैठ गया था। इस श्राप ने, न केवल उन लोगों की जान ले ली, जो इसके संपर्क में आए, बल्कि इसने टाइटैनिक (Titanic) जैसे विश्व के सबसे विशाल जहाज के डूबने में भी भूमिका निभाई। कम से कम, उस समय के लोग तो यही मानते थे।
1890 के दशक के अंत में, 4 अमीर अंग्रेज युवक लक्सर (Luxor) गए। उन्हें एक अति सुंदर और मनमोहक मम्मी केस (mummy case) खरीदने के लिए आमंत्रित किया गया था, जिसमें राजकुमारी ऑफ आमेन-रा (Princess of Amen-Ra ) के अवशेष थे।
क्या हुआ मम्मी का ताबूत खरीदने वालो के साथ? Kya hua mummy ka taboot kharidne walo ke saath?
ताबूत (Coffin) को खरीदने के लिए लॉटरी (lottery) निकाली गई। जीतने वाले व्यक्ति ने कई हजार पाउंड देकर ताबूत को खरीदा और ताबूत को अपने होटल में ले गया। कुछ घंटे बाद, उस व्यक्ति को अकेले रेगिस्तान (Desert) की ओर जाते देखा गया। वह फिर कभी नहीं लौटा।
अगले दिन, शेष 3 युवकों में से एक को मिस्र के होटल के एक सेवक ने गलती से गोली मार दी थी। उसका हाथ इतनी गंभीर रूप से जख्मी हो गयी था कि उसे काटना पड़ा।
तीसरे व्यक्ति जब अपने घर वापस आया तो उससे पता चला उसका बैंक पूरी तरह से डूब गया है और और साथ में उसकी सारी जमा पूंजी भी डूब गयी है।
चौथे आदमी को एक गंभीर बीमारी का सामना करना पड़ा, उसकी नौकरी चली गयी और उसे माचीस बेचने का काम करना पड़ा।
Xin Zhui (Lady Dai) – 2000 साल पुरानी संरक्षित Mummy
खेर, ताबूत इंग्लैंड (England) पहुंच गया, जहां इसे लंदन (London) के एक व्यापारी ने खरीदा था।
उनके परिवार के 3 सदस्य, सड़क दुर्घटना में घायल हो गए और उनका घर आग लगने से, जल कर पूरी तरह बर्बाद हो गया। इसके बाद वयापारी ने इसे ब्रिटिश संग्रहालय (British Museum) को दान कर दिया।
संग्रहालय (Museum) के आंगन में जब ट्रक से ताबूत को उतारा जा रहा था, तो अचानक ट्रक पीछे की और जाने लगा और एक व्यक्ति जो उस समय वहां से गुजर रहा था, ट्रक की चपेट में आ गया। फिर जैसे ही ताबूत को 2 मज़दूरों द्वारा सीढ़ियों से ऊपर ले जा रहा थे, ताबूत एक मजदूर पर गिर गया और उसका पैर टूट गया और दूसरा मजदूर जो एक दम स्वस्थ था अचानक ही दो दिन बाद उसकी मौत हो गयी।
ताबूत को संग्रहालय में मिस्र के कमरे (Egyptian Room) में स्थापित किया गया। संग्रहालय के रात के पहरेदारों ने अक्सर ताबूत से अजीबो गरीब आवाज़ें आने का दावा किया। इसके बाद एक चौकीदार की ड्यूटी पर मौत हो गई, इसकी वजह से अन्य चौकीदार भी नौकरी छोड़ना चाहते थे। संग्रहालय के क्लीनर ने राजकुमारी के ताबूत (Princess’s coffin) के पास जाने से भी मना कर दिया।
एक बार संग्रहालय में आये एक व्यक्ति ने ताबूत पर बने चेहरे पर गलती से एक कपडे को बुरी तरह से झाड़ दिया, तो जल्द ही उसके बच्चे की खसरे (measles) से मौत हो गई।
अंत में, अधिकारियों ने मम्मी को तहखाने में रखने का फैसला किया, सोचा की शायद वहां कोई नुकसान नहीं होगा, पर एक सप्ताह के अंदर ही वहां काम करने वाले सहायकों में से एक गंभीर रूप से बीमार हो गया और संग्रहालय के सुपरवाइजर को उसकी टेबल पर ही मृत पाया गया।
अब तक, पत्रकारों को इस बारे में पता चला गया था। एक पत्रकार फोटोग्राफर ने मम्मी केस (Mummy Case) की तस्वीर ली और जब उन्होंने इसे प्रिंट किया, तो पता चला ताबूत पर बानी पेंटिंग एक भयानक, मानवीय चेहरे की थी। कहा जाता है कि फोटोग्राफर अपने घर गया, उसने बेडरूम के दरवाजे को बंद कर दिया और खुद को गोली मार ली।
इसके तुरंत बाद, संग्रहालय ने मम्मी को एक निजी कलेक्टर (Private Collector) को बेच दिया। लगातार दुर्भाग्य (Bad luck) और तनाव के बाद, निजी कलेक्टर ने इसे अपने घर की बेसमेंट में रख दिया।
इसके बाद उस व्यक्ति ने कई संग्रहालय से संपर्क किया मगर कोई भी ब्रिटिश संग्रहालय (British Museum) मम्मी को लेने के लिए तैयार नहीं था। अब यह बात सब लोगो को अच्छे से पता लग गयी थी, की पिछले 10 सालो में लगभग 20 लोगों की दुर्भाग्य, आपदा या ताबूत को संभालने के कारण मौत हो गयी है।
अमेरिका और टाइटैनिक का सफर | America aur Titanic ka safar
आखिरकार, एक कट्टर अमेरिकी पुरातत्वविद् (American archaeologist), मम्मी के लिए एक भारी कीमत देने को राज़ी हुआ और उसने ताबूत को न्यूयॉर्क ले जाने की व्यवस्था की। अप्रैल 1912 में, नए मालिक ने मम्मी के ताबूत को एक शानदार नए व्हाइट स्टार लाइनर जहाज़ पर रखवाया न्यूयॉर्क ले जाने के लिए।
14 अप्रैल की रात, आकल्पनिक डरावने दृश्यों के बीच, आमेन-रा की राजकुमारी (Princess of Amen-Ra ) 1,500 यात्रियों के साथ अटलांटिक महासागर (Atlantic Ocean) में डूब गयी। जिस जहाज के साथ मम्मी केस डूबा उसका नाम था टाइटैनिक (TITANIC).
लेकिन यह केवल एक रहस्मय कहानी है: किसी भी श्रापित मम्मी को (Cursed Mummy) टाइटैनिक (Titanic) के साथ कार्गो में नहीं ले जाया गया था।
1985 में, नेशनल टाइटैनिक हिस्टोरिकल सोसाइटी के अध्यक्ष (president of the national Titanic Historical Society), चार्ल्स हास (Charles Haas) को जहाज के कार्गो मेनिफ़ेस्ट (cargo manifest) और कार्गो डायग्राम (cargo diagrams) प्राप्त हुए। हालांकि कार्गो में पंख (Raw Feather), हैटर का फर (hatter’s fur), ऑटो पार्ट्स (Auto Parts), चमड़ा (Leather), खरगोश के बाल (Rabbit’s Hair), इलास्टिक्स ( elastics), और रेफ्रिजरेटिंग उपकरण (refrigeration apparatus) और काफी कुछ शामिल था, मगर किसी मम्मी का नाम कहीं नहीं मिला। तो इससे यह बात तो साबित हो गयी की जहाज में कोई श्रापित मम्मी नहीं थी।
चार्ल्स हास (Charles Haas) द्वारा दिए गए “कार्गो मैनिफेस्ट” (cargo manifest ) और अनेको विशेषज्ञ द्वारा कि गयी जाँच के बाद, सब एक ही निष्कर्ष पर आए की जहाज में कोई भी मम्मी नहीं थी, विशेषकर “अमेन-रा की राजकुमारी” (Princess of Amen-Ra) जैसी कोई मम्मी तो बिलकुल नहीं थी।
वास्तव में, जिस मम्मी से इस कहानी को जोड़ा गया, वो सचमुच में सिर्फ ताबूत का ढक्कन था उसमे मम्मी नहीं है, वह अमून की पुजारिन (Priestess of Amun) का ताबूत है और यह ब्रिटिश म्यूजियम (British Museum) से कभी कहीं नही गया, यह आज भी मौजूद है।
तो सवाल यह आता है की यह काल्पनिक कहानी कैसे शुरू हुई ? तो हम आपको बता दे यह सब इंसान की सोच का नतीजा है। यह बस एक कल्पना थी, जिसने एक मम्मी की कहानी को इतना विस्तारित रूप दिया की सबको यकीन हो गया की वास्तव में एक श्रापित मम्मी के कारण विशाल जहाज टाइटैनिक (Titanic) डूबा था, पर हकीकत में श्रापित मम्मी ने नहीं, इंसान की अद्भुत सोच ने सबके दिमाग के जहाज को डूबा दिया और हम इस कल्पना को सच मान बैठे।
Unbelievable 🙏🙏