भारतीय रुपया, भारतीय गणराज्य (Republic of India) की आधिकारिक मुद्रा है। आप सभी जानते होंगे, मुद्रा छापना और जारी करना भारतीय रिजर्व बैंक-RBI (Reserve Bank of India) द्वारा नियंत्रित किया जाता है। INR भारतीय मुद्रा (Indian Rupee) का अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोड है और हमे यह भी पता है नकली नोट का पता कैसे लगाया जाता है। हममें से बहुत से लोग भारतीय मुद्रा के बारे में ऐसे कुछ तथ्यों से परिचित हैं, परन्तु इसके अलावा भी कई ऐसी बातें है जो आपको जनानी चाहिए।
हम आज भारतीय मुद्रा, नोटों और सिक्कों के बारे में कुछ और आश्चर्यजनक तथा रोचक बातें बताने जा रहे हैं, जो शायद आप नहीं जानते होंगे।
भारतीय मुद्रा (Indian Currency) से जुड़ी 21 हैरान करने वाली बातें
1. हमारे भारतवर्ष की सबसे पुरानी भाषा संस्कृत थी, रुपए शब्द की उत्पत्ति भी संस्कृत से हुई है। रुपए शब्द संस्कृत के शब्द “रुपया” शब्द से लिया गया है, जिसका हिंदी अर्थ “गढ़ा चांदी या चांदी का सिक्का” होता है।
2. शेरशाह सूरी ने सबसे पहले रुपए का चलना आरम्भ किया था। तब सिक्कों के रूप मे इन्हे इस्तेमाल किया जाता था।
3. भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने 1938 में पहली बार 5, 10, 100, 1000 रुपये के नोट जारी किये थे, जिस पर जॉर्ज VI (King George VI) की फोटो छपी हुई थी। परन्तु जब आजादी के बाद पहली बार साल 1949 में भारत ने नोट छापे, तो उस वक्त जॉर्ज VI की तस्वीर हटाकर भारतीय नोटों पर राष्ट्रीय चिन्ह अशोक स्तंभ की तस्वीर छापी गई।
4. भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने 1996 में नोटों में बदलाव किया और अशोक स्तंभ की जगह राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के फोटो का इस्तेमाल करना शुरू कर दिया। परंतु भारतीय नोटों में अशोक स्तंभ को आज भी जगह दी जाती है, बस पहले जगह जहां पर थी वहां से हटाकर इसे थोड़ा छोटे साइज में दूसरी तरफ प्रिंट किया जाने लगा है
5. बैंक नोटों की वर्तमान श्रृंखला को महात्मा गांधी श्रृंखला कहा जाता है। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) द्वारा 1996 में नोटों में किये गए बदलाव के बाद से राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की फोटो का इस्तेमाल किया जाता है तभी से यह महात्मा गांधी श्रृंखला चल रही है।
6. महात्मा गांधी की जो फोटो नोट पर छपती है वह गांधी जी की वास्तविक तस्वीर है यह तब खीची गई थी जब गांधी जी, भारत में ब्रिटिश सेक्रेटरी के रूप में कार्यरत फ्रेडरिक पेथिक लॉरेंस के साथ कोलकाता के वायसराय हाउस में मुलाकात करने गए थे। उस समय गांधी जी का मुस्कुराता हुआ चेहरा तस्वीर में आ गया था, जो आज भी नोटों पर अंकित किया जाता है। अब यह भारतीय मुद्रा का ट्रेडमार्क है।
7. वर्त्तमान समय मे एक रुपया सौ पैसे के बराबर होता है, लेकिन पुराने जमाने में ऐसा नहीं था। आजादी से पहले एक रुपए को सोलह आने या फिर चौसठ पैसे में बांटा गया था। यानी एक रुपया सोलह आने या फिर चौसठ पैसे के बराबर हुआ करता था। साल 1947 में रुपए को सौ नया पैसे में बांटा गया। 1964 के बाद नया शब्द हटा दिया गया।
8. आजादी के बाद भी पाकिस्तान मे भारतीय रुपए को पाकिस्तानी मुहर लगा कर इस्तेमाल किया था जब तक उनकी पर्याप्त मुद्रा छप नहीं गई।
9. क्या आप जानते हैं कि 1917 में, भारतीय रुपया अमेरिकी डॉलर से अधिक था यानी 1 भारतीय रुपया = लगभग 13 अमेरिकी डॉलर। और 1947 में, 1 भारतीय रुपया = 1 अमेरिकी डॉलर के बराबर थी।

10. भारतीय रुपए मे केवल एक रुपये के नोट वित्त मंत्रालय द्वारा जारी किए जाते हैं और सचिव के हस्ताक्षर होते हैं। परन्तु नवंबर 1994 में, एक रुपए के नोटों की छपाई बंद हो गई थी, फिर 20 साल के अंतराल के बाद यानी 6 मार्च 2014 को एक रुपए के नोटों को फिर से लॉन्च किया गया।
11. 1954 से 1978 के बीच 5000 और 10,000 रुपये के नोट भी प्रचलन में थे।
12. 2005 में, 10 रुपए के सिक्के भारत में पहली बार पेश किए गए थे। यह सबसे अधिक मूल्य का सिक्का है जो आज प्रचलित है। क्या आप जानते हैं कि 10 रुपए का एक सिक्का बनाने की लागत 6.10 रुपए है।
13. भारतीय नोट पर कुल 17 भाषाएँ दिखाई देती हैं, जिनमें से 15 भाषाएँ नोट के पिछली तरफ भाषा पैनल में लिखी जाती है। इसके अलावा नोट के सामने की तरफ हिंदी और अंग्रेजी मे अक्षर दिखाई देते हैं।
14. क्या आप जानते हैं कि भारत मे शून्य रुपए के नोट भी प्रचलन में हैं? 2007 मे भ्रष्टाचार से लड़ने के लिए “5th स्तंभ” (5th Pillar) नमक एक गैर-सरकारी संगठन (NGO) द्वारा ZERO रुपए के नोट जारी किए गए।
15. साल 2010 में भारतीय रुपये के प्रतीक को अपनाया गया था। डॉ उदय कुमार भारतीय रुपये के प्रतीक के निर्माता हैं। यह प्रतीक देवनागरी अक्षर “र” और लैटिन अक्षर “R” का एक संयोजन है। इसे भारतीय राष्ट्रीय ध्वज “तिरंगे” की तरह दिखने के लिए प्रतीक में दो समानांतर रेखा दी गई है।
16. क्या आप जानते हैं कि भारतीय मुद्रा नोट कैसे बनाए जाते हैं? सबको लगता है यह कागज के बनते है पर ऐसे नहीं है भारतीय नोट कपास और कपास चीर से बनाये जाते है। जो बस कागज की तरह दिखते और महसूस होते है।
17. भारतीय सिक्कों पर तारीख के नीचे एक विशेष निशान अंकित किया जाता है जिसे देख कर यह पता लगाया जा सकता है की यह कौन सी टकसाल मे बनाया गया है।
दिल्ली- का एक डॉट है
मुम्बई — का एक डायमंड है
हैदराबाद – का एक सितारा है
कोलकाता – कुछ नहीं
18. भारतीय रिजर्व बैंक ने 2010 में 75, 150 और 1000 रुपये के सिक्कों को जारी किया था। यह केवल स्मारक उद्देश्यों के लिए था यानी सालगिरह, शताब्दी आदि मनाने के लिए। उन्हें विषेशकर भारतीय रिजर्व बैंक के 75 साल प्लैटिनम जुबली, रबींद्रनाथ टैगोर के 100 साल और बृहदेश्वर मंदिर के 1000 साल पूरे होने का जश्न मनाने के लिए बनाया गया था।
19. हमारे भारतीय मुद्रा नोटों में ब्रेल संकेत भी होते हैं जो मुद्रा नोटों और उनके मूल्यवर्ग की पहचान करने में दृष्टिबाधित लोगों की मदद करते हैं। प्रत्यके नोट के बाएं हाथ की तरफ अलग-अलग पहचान चिह्न (अलग-अलग ज्यामितीय आकृतियाँ) हैं। 1000 रुपये में एक हीरा (Diamond), 500 रुपये में गोला (Circle), 100 रुपये में त्रिकोण (Triangle), 50 रुपये के लिए वर्ग (Square), 20 रुपये के लिए आयत (Rectangle) और 10 रुपये के लिए कोई नहीं।
20. साल 1980 के बाद नोटों पर कला, संस्कृति और ज्ञान-विज्ञान से संबंधित चित्र व्यापक तौर पर छापे जाने लगे। तभी से सभी नोटों में कुछ भारतीय छाप होती है। 20 के नोट पर अंडमान द्वीप समूह की छाप है। हाल ही में जारी 2000 और 500 के नोटों पर ‘स्वच्छ भारत’ अभियान का चिह्न है। पांच सौ के भूरे नोट पर लाल किला और दो हजार के गुलाबी नोट पर मंगलयान छापा है।
21. 20 वीं शताब्दी की शुरुआत में रुपया कई अन्य देशों जैसे अदन, ओमान, कुवैत, बहरीन, कतर, ट्रुकियल स्टेट्स (वर्त्तमान समय मे यूएई- UAE), केन्या, युगांडा, सेशेल्स और मॉरीशस की आधिकारिक मुद्रा था।