गंगा नदी (Ganga River) भारत की सबसे बड़ी नदियों में से एक है। यह ब्रह्मपुत्र के बाद भारत की सबसे लंबी नदी है। हिंदू धर्म में, गंगा नदी (Ganga River) को पवित्र माना जाता है। गंगा नदी को गंगा माँ बुलाया जाता है साथ ही देवी की तरह इसकी पूजा भी कि जाती है। यह हिंदुओं और बौद्धों दोनों द्वारा पूजी जाती है, जिनका यह मानना हैं कि गंगा में स्नान करने से, व्यक्ति अपने सभी पापों का अंत कर, आत्मा को शुद्ध कर सकता है। यह एक ऐसी नदी है जो लाखों प्राणियों को जीवन देती है और साथ ही यह एक ऐसी नदी भी है जहाँ लाखो श्रदालु अपने सभी पापों को धोने की उम्मीद करते हुए यहाँ अंतिम सांस लेना चाहते हैं।
चलिए जानते है गंगा नदी के 18 तथ्य / Ganga River Facts

- वैदिक युग से ही गंगा को पवित्र नदी माना जाता रहा है। यद्यपि प्रथम वेद – ऋग्वेद ने गंगा का जिक्र किया है और सरस्वती और सिंधु को सभी नदियों में सबसे पवित्र माना है, बाद के तीन वेद – यजुर, साम और अथर्ववेद ने गंगा को एक पवित्र नदी के रूप में उल्लेख किया है।
- गंगा नदी का रूट बहुत लम्बा है। यह हिमालय (Himalaya) के दक्षिणी ढलान (southern slope) पर गंगोत्री ग्लेशियर (Gangotri glacier)से निकलती है, जो समुद्र तल (Sea Level) से लगभग 14,000 फीट ऊपर है। यह भारत (India) और बांग्लादेश (Bangladesh) से होकर गुजरती है। गंगा नदी की कुल लम्बाई 2510 किलोमीटर / 1560 मील से भी ज्यादा है।
- गंगोत्री को गंगा नदी का उदगम स्थल कहा जाता है। हालाँकि, यह वास्तव में गंगा की 6 प्रमुख धाराएँ भागीरथी, अलकनंदा, मंदाकिनी, नंदाकिनी, धौलीगंगा और पिंडर में से एक का स्रोत है जिसे भागीरथी के नाम से जाना जाता है। भागीरथी नदी गंगोत्री से बहती है और देवप्रयाग में जाकर यह अलकनंदा नदी से मिलती है। यह दोनों नदियाँ मिलकर गंगा नंदी की मुख्य धारा का निर्माण करती है।
- गंगा नदी (Ganga River) हिंदू धर्म में सबसे पवित्र तथा पूजनीय नदी है। इसके अलावा, यह लाखों भारतीयों के लिए एक जीवनरेखा (Lifeline) है। जो लोग गंगा नदी के तट के साथ रहते हैं, वो सम्पूर्ण रूप से अपनी दैनिक जरूरतों की पूर्ति के लिए इन उपजाऊ मैदानों पर निर्भर रहते हैं।
- गंगा नदी (Ganga River) को एक “तीर्थ” माना जाता है जो पृथ्वी और स्वर्ग के बीच एक कड़ी का प्रतीक है। लोगो का मानना है इस नदी में स्नान करके पापों से मुक्ति प्राप्त होती है और स्वर्ग का रास्ता खुलता है, इसलिए अधिकतर लोग खुद को शुद्ध करने के लिए इस नदी में स्नान करते हैं। कई तीर्थयात्री जिनके परिवार के सदस्य या दोस्त जो इस तीर्थ स्थान पर नहीं जा पाते, वे उनको देने के लिए यहाँ से गंगा जल की छोटी बोत्तले (Small bottles) भी ले जाते हैं।
- गंगा में बहने वाली सबसे महत्वपूर्ण नदियाँ हैं – गोमती (Gomti), रामगंगा (Ramganga), गंडकी (Gandaki), घाघरा (Ghaghara), कोशी (Koshi), बुरि गंडक (Burhi Gandak), तमसा (Tamsa), महानंदा (Mahananda), सोन (Son), यमुना (Yamuna), और पुनपुन (Punpun)।
- गंगा नदी, मछलियों की 140 विभिन्न प्रजातियों और 90 विभिन्न उभयचरों (Amphibian species) की प्रजातियों का घर है, जिनमें से कई आज विलुप्त होने के करीब हैं। गंगा, ताजे पानी की डॉल्फ़िन (Fresh Water Dolphin) और गंगा शार्क (Ganga Shark) का भी घर है, दोनों ही प्रजातियाँ गंभीर रूप से लुप्तप्राय हैं।
- गंगा के तट के निकट पक्षियों की कई अनोखी प्रजातियां भी पाई जाती हैं, जो केवल भारत में ही देखी जाती हैं, दुनिया में और कहीं नहीं पाई जाती। इनमें से कई प्रजातियां जीवित रहने के लिए गंगा नदी पर निर्भर हैं। विशेषकर हिमालयन जलपक्षी जो सर्दियों में उच्च हिमालय से दक्षिण की ओर पलायन करते हैं, वे बड़ी संख्या में गंगा नदी के पानी से ढके क्षेत्रों में बसते हैं।
- गंगा नदी (Ganga River) के जल क्षेत्र में मिट्टी अत्यंत उपजाऊ है, जिसका मतलब है कि यह फसलों को उगाने के लिए उत्तम भूमि है। इस क्षेत्र में उगाई जाने वाली प्रमुख फसलों में चावल, चाय, गन्ना, दाल, आलू आदि शामिल हैं। गंगा और उसकी सहायक नदियाँ साल भर इस बड़े क्षेत्र में सिंचाई के लिए जाल का स्रोत प्रदान करती हैं। गंगा नदी के जल क्षेत्र की यह उपजाऊ भूमि भारत की कृषि अर्थव्यवस्था के लिए अत्यधिक महत्वपूर्ण है।
- गंगा नदी डेल्टा (Ganga River Delta) दुनिया का सबसे बड़ा डेल्टा है, जिसके कुछ हिस्से भारत के पश्चिम बंगाल और बांग्लादेश से जुड़े है। जिसे सुंदरबन के रूप में जाना जाता है। इसे सन 1997 में यूनेस्को द्वारा विश्व विरासत स्थल घोषित किया गया था। यह 105,000 वर्ग किलोमीटर (41,000 वर्ग मील) से अधिक है।
- यह नदी हर साल अपने प्रवाह से लगभग 1.6 बिलियन टन तलछट (sediment) जमा करती है। इस नदी द्वारा जमा तलछट की मात्रा दुनिया की सबसे बड़ी नदी अमेज़न नदी (Amazon River) द्वारा जमा तलछट से 400 प्रतिशत ज्यादा है।
- बिहार में गंगा 1990 के बाद से 2.5 किमी से अधिक स्थानांतरित (Shifted) हुई है। हरिद्वार में, यह पिछले 30 वर्षों में अपने मूल स्थान से 500 मीटर तक स्थानांतरित (Shifted) हो चुकी है। वैसे तो नदियों का स्थानांतरण होना प्राकृतिक प्रक्रिया का एक भाग होता है। लगभग सभी नदियाँ समय के साथ अपना रास्ता बदलती है। परन्तु कुछ वैज्ञानिकों का मानना है, वनों की कटाई, वातावरण की अनुचित परिस्तिथियाँ तथा प्रदूषण भी इस स्थानांतरण का मुख्य कारण है।
- रुड़की विश्वविद्यालय के डी एस भार्गव, एक पर्यावरण इंजीनियर है। जिन्होंने गंगा नदी (Ganga River) का अध्ययन किया और पाया कि गंगा दुनिया की एकमात्र ऐसी नदी है जो पूरी दुनिया की अन्य नदियों की तुलना में 15 से 25 गुना तेज दर से जैविक कचरे का विघटन करती है।
- नई दिल्ली स्थित मलेरिया अनुसंधान केंद्र (Malaria Research Center) ने गंगा नदी का अध्ययन किया और पाया कि गंगा नदी का पानी मच्छरों के प्रजनन को रोकता है साथ ही यदि गंगा का पानी किसी अन्य पानी में डाला जाता है तो भी यह मच्छर प्रजनन को रोकता है।
- अर्नेस्ट हनबरी हैंकिन (Ernest Hanbury Hankin) नाम के ब्रिटिश जीवाणुविज्ञानी (British bacteriologist) ने 1896 में गंगा नदी के पानी का परीक्षण किया और पाया कि जब विब्रियो कोलारे (Vibrio Cholerae), “कोलेरा को फैलाने वाला एक घातक जीवाणु” गंगा के पानी में डालने के बाद 3 घंटे के भीतर ही मर गया। उन्होंने साथ ही एक डिस्टिलटेड पानी (Distilled Water) में इस जीवाणु को डाला और पाया कि यह 48 घंटे से अधिक समय तक जीवित रहा। उन्होंने अंततः निष्कर्ष निकाला कि गंगा और उसकी सहायक नदी यमुना काफी हद तक कोलेरा के प्रसार को रोकने के लिए लाभकारी है। गंगा नदी को हमेशा शुद्ध, पवित्र और पीने योग्य माना गया है, और अर्नेस्ट हनबरी हैंकिन (Ernest Hanbury Hankin) द्वारा किये गए परीक्षण ने इस विश्वास को वैज्ञानिक वैधता भी प्रदान कर दी।
- भारत की लगभग 40 प्रतिशत आबादी अपने दैनिक जीवन की आवश्यक्ताओ की पूर्ति लिए गंगा नदी का पानी उपयोग करती है और पूरणता इस गंगा नदी पर आधारित रहती है। परन्तु, वर्तमान में यह नदी गंभीर जल संकट से गुजर रही है। उदाहरण के लिए, वाराणसी के आसपास, नदी में औसतन 60 मीटर से अधिक गहराई थी, लेकिन अब कुछ स्थानों पर, यह केवल दस मीटर तक ही रह गई है।
- गंगा को 2007 में दुनिया की पांचवी सबसे प्रदूषित नदी के रूप में घोषित किया गया था। विशेषज्ञों का अनुमान है कि 3000 मिलियन लीटर से अधिक अनट्रीटेड सीवेज (untreated sewage) प्रतिदिन नदी में डाला जाता है। वाराणसी में हर साल लगभग 32,000 लाशों का अंतिम संस्कार किया जाता है और कई टन आधा जला हुआ मांस नदी में समा जाता है। त्यौहार के मौसम के दौरान अधिकतर लोग अपने पिछले पापों से खुद को साफ करने के लिए इस नदी में स्नान करते हैं और पीछे कुछ सामान जैसे भोजन, फूल-पत्तियां या प्लास्टिक पानी में रह जाता हैं और यही नदी के प्रदूषण के लिए जिम्मेदार होता हैं।
- प्रदूषण से न केवल मनुष्यों को खतरा है, बल्कि अन्य जीव-जन्तुओं को भी खतरा है । हालांकि, नदी की सफाई के लिए सरकार द्वारा एक पर्यावरणीय पहल की गई है। फिर भी, यह पहल काफी नहीं है और भी बहुत कुछ करने की आवश्कता है। सरकार के साथ साथ प्रत्येक नागरिक का यह फ़र्ज़ है, की वह प्रकृति की तरह अपनी जिम्मेदारी को समझे और अपना कर्तव्य निभाए।
हम आशा करते है की माँ गंगा के बारे में अद्भुत बातें जानकर आपको अच्छा लगा होगा। गंगा नदी (Ganga River) के बिना हम भारत की कल्पना ही नहीं कर सकते। यह भारतीय संस्कृति और सभ्यता के अस्तित्व का प्रतीक है। अध्यात्म और भावनाओं की प्रतीक गंगा के पास हमे देने के लिए बहुत कुछ है, बशर्ते हम इसे व्यवस्थित तरीके से लें। गंगा हमें तो बहुत कुछ दे रही है, पर हम उसको क्या दे रहे है गंदगी और प्रदुषण। माँ गंगा हमारे लिए जीवनदायनी है इसलिए हमारा भी यह कर्तव्य है की माँ गंगा के लिए कुछ अवश्य करे। नदियों की स्थितियों को सुधारने के लिए सभी को कुछ कदम जरूर उठने चाहिए।