एक कृषि प्रधान देश होने के नाते, भारत मे कई फसलें फलती-फूलती हैं और देश के विभिन्न हिस्सों के विभिन्न क्षेत्रों में, फसलों की कटाई का उत्सव बहुत जोर शोर से मनाया जाता है। उड़ीसा में पौना संक्रांति मनाई जाती है, तो केरेला में विशु मनाया जाता है, इसी तरह से सिख समुदाय के बीच बैसाखी (Baisakhi) मनाई जाती है। ये केवल पंजाब मे नहीं पूरी दुनिया में मनाया जाता है।
बैसाखी (Baisakhi) पंजाबियों के लिए एक तरह से राष्ट्रीय त्यौहार है, जिसे बहुत ही उल्लास के साथ, मनमोहक तरीके से मनाया जाता है। मुख्यता फसल पकने के प्रतीक के रूप में बैसाखी मानाया जाता है। बैसाखी को वैशाखी या वासाखी के नाम से भी जाना जाता है। यह बिक्रम संवत हिंदू कैलेंडर के पहले महीने पर पड़ता है।जो 13 या 14 अप्रैल को मनाया जाता है। यह उत्सव नई सोच, नई भावना और बेहतर जीवन शुरू करने का एक नए वादा है।
फसलों के उत्सव के अलावा भी बैसाखी (Baisakhi) से जुड़े कई महत्वपुर्ण और रोचक तथ्य जिनसे बहुत से लोग अंजान हैं।
जानिए Facts about Baisakhi in hindi / बैसाखी से जुड़े महत्वपूर्ण तथ्य।
1. सिख के नए साल की शुरुआत
हालांकि बैसाखी (Baisakhi) मुख्य रूप से नई फसलों की कटाई के लिए मनाई जाती है, लेकिन सिख धर्म के धार्मिक कैलेंडर के अनुसार, यह सिखों के नए साल की शुरुआत को भी चिह्नित करता है। 13 या 14 अप्रैल को सूर्य, मेष राशि में प्रवेश करके एक नई शुरुआत करता है इसलिए इस दिन को पूरे धूमधाम के साथ औपचारिक रूप से मनाया जाता है।
2. खालसा पंथ के जन्म का प्रतिक
इस दिन को मनाने का एक महत्वपूर्ण कारण यह है कि बैसाखी के दिन खालसा पंथ का गठन किया गया था। ऐसा कहा जाता है कि 13 अप्रैल 1699 में आनंदपुर साहिब में एक बैठक आयोजित की गई थी, जिसमे सिखों के दसवें गुरु, श्री गुरु गोबिंद सिंह ने खालसा पंथ की नींव रखी थी।
इस दिन गुरु साहिब ने स्वयंसेवकों से मानवता की रक्षा के लिए अपने प्राण त्यागने को कहा।
इसके बाद, पांच लोग खड़े हुए और गुरु गोबिंद सिंह की बलिदान की मांग पर खुशी से सहमत हो गए और वे एक के बाद एक तम्बू में चले गए। जैसे ही गुरु हर बार बाहर आते तो उनके हाथ मे खून से सनी तलवार होती, जिसे देख कर वहां के लोगों को लगा की, उनके गुरु ने 5 निर्दोष लोगों की जान ले ली। लेकिन कुछ ही समय के बाद गुरु गोविंद सिंह सभी 5 लोगों के साथ बाहर आया, और सभी जीवित तथा सुरक्षित थे।
तब गुरु गोविंद सिंह ने उन 5 पुरुषों (भाई साहिब सिंह, भाई धर्म सिंह, भाई हिम्मत सिंह, भाई मोहकम सिंह और भाई दया सिंह) को सर्वशक्तिमान के “पंच प्यारे” के रूप में घोषित किया। ये खालसा का पहला जथा बना जिन्हे “खंडा साहिब” प्राप्त हुआ। खंडा साहिब सिख धर्म का चिन्ह है। इसमें चार शस्त्र अंकित होते हैं: एक खंडा, दो किर्पन और एक चक्र।
3. अमृत चखना
अमृत चखना बैसाखी (Baisakhi) की सबसे महत्वपूर्ण घटना है। इसी दिन, गुरु गोबिंद सिंह ने एक लोहे के बर्तन में अमृत को बनाया और उन्होंने अपने पांच शिष्यों के पहले जत्थे (पंच प्यारों) को अमृत परोसा और फिर गुरु ग्रंथ साहिब के शब्दोच्चार के ठीक बाद इसे गुरु के भक्तों के बीच वितरित किया।
4. आर्य समाज की स्थापना
बैसाखी (Baisakhi) तयोहार हिन्दुओं के लिए भी समान रूप से महत्वपूर्ण है क्योंकि बैसाखी के दिन ही 1875 में स्वामी दयानंद ने आर्य समाज की स्थापना की थी।
5. गुरु युग का अंत
सिख धर्म की स्थापना, सिखों के पहले श्री गुरु नानक देव जी ने की थी और सिख धर्म के दसवें और आखिरी गुरु, श्री गुरु गोबिंद सिंह थे। 1699 में बैसाखी के दिन के बाद गुरु गोबिंद सिंह ने गुरुओं की परंपरा बंद कर दी गई, और गुरु ग्रंथ साहिब जी (सिख धर्म की पवित्र पुस्तक) को अनन्त मार्गदर्शक घोषित कर दिया गया।
6. आत्मज्ञान का दिन (निर्वाण)
बौद्ध समुदाय के लिए भी बैसाखी (Baisakhi) का दिन अति महत्वपुर्ण है, क्योंकि एक लोकप्रिय कथा के अनुसार यही वह शुभ दिन था कि जब गौतम बुद्ध (Gautam Buddha) ने बिहार के, गया शहर में, महाबोधि वृक्ष के नीचे आत्मज्ञान या निर्वाण (Nirvana) प्राप्त किया था।
7. संस्कृति का संगम
भारत विविधता का देश है यहाँ अनेको धर्मो के लोग मिल कर रहते है परन्तु इस विविधता में भी एकता देखने को मिलती हैं। यह विविधता का ही कमाल है की यहाँ एक त्योहार कई राज्यों के लोगो द्वारा मनाया जाता है। इसलिए ये नए साल का उत्सव यानि बैसाखी (Baisakhi) न केवल सिखों द्वारा मनाया जाता है, बल्कि बंगाल, असम, तमिल आदि कई राज्यों मे अलग अलग नाम से मनाया जाता है
बंगाली का नया साल – पोइला बोइसाख (Poila Boisakh)
असम – रोंगाली बिहू (Rongali Bihu)
तमिल नव वर्ष – पुथांडु (Puthandu)
केरल / मलयालम नव वर्ष – पूरम विशु (Pooram Vishu)
8. धन्यवाद दिवस
बैसाखी (Baisakhi) का त्योहार एक धन्यवाद दिवस (Thanksgiving Day) भी है, यह सिख समुदाय के लिए सबसे शुभ दिन माना जाता है। वे इस दिन अपने भगवान से प्रार्थना करते है, और उनके पास जो कुछ भी है उसके लिए भगवान का धन्यवाद करते हैं। साथ ही अपने परिवार तथा समस्त विश्व के लिए सुख समृद्धि की कामना करते है।
9. जलियांवाला बाग हत्याकांड
खुशियों के उत्सव बैसाखी (Baisakhi) के साथ, भारत के इतिहास की एक सबसे दुखद दिन की याद भी जुड़ी हुई है। बैसाखी के दिन 1919 में जलियांवाला बाग में सैकड़ों सिखों का कत्लेआम हुआ था। बैसाखी के शुभ दिन पर, क्रूर जनरल डायर ने बेकसूर निहते लोगो के नरसंहार का आदेश दिया था और उत्सव का शोर, मातम मे बदल गया था।
10. पौराणिक कारण
पंजाब और भारत के अन्य हिस्सों में हिंदुओं के लिए, वैशाख का पहला दिन मनाने का एक और कारण है। ऐसा माना जाता है कि हजारों साल पहले, पृथ्वी को पापों से मुक्त करने के लिए, वैशाख के शुभ दिन पर ही देवी गंगा पृथ्वी पर अवतरित हुईं और तब से उनके सम्मान में, कई हिंदू इस दिन पवित्र स्नान के लिए गंगा नदी के किनारे इकट्ठा होते है और अपने पापों से मुक्ति के लिए गंगा मे स्नान करते है।
तो यह थे, Facts about Baisakhi in hindi / बैसाखी से जुड़े महत्वपूर्ण तथ्य। हम आशा करते है आपको यह आर्टिकल पसंद आए। अपने विचार कमेंट (Comment) करके जुरूर बताए।
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