भारत प्राकर्तिक सुंदरता का धनी देश है। प्राकृतिक सुंदरता के साथ भारत कई खूबसूरत झीलों (Lakes) का घर भी है, जिनके मनमोहक दृश्य आँखों के लिए वरदान जैसे है। आप भारत के किसी भी राज्य के शहर या कस्बे की यात्रा करें, ये भव्य तथा सुन्दर झीलें (Lakes) आपका ध्यान अपने और खींच ही लेगी।
भारत में झीलें (Lakes) उनके विविध गुणों के लिए व्यापक रूप से पहचानी जाती हैं। वे प्राकृतिक (Natural) और मानव निर्मित (Artificial) हैं। प्राकृतिक झीलें विभिन्न प्रकार की होती हैं जो नमक की मात्रा पर आधारित होती हैं, जैसे कि ताजे पानी (Freshwater), खारे पानी (Brackish Water) और नमकीन पानी (Saltwater)
यदि आप किसी यात्रा की योजना बना रहे हैं, तो आप देश की कुछ सबसे अद्भुत और भव्य झीलों (Lakes) को देखने का विचार भी कर सकते हैं। इसलिए हम आपको भारत की 10 शानदार झीलों (Lakes) के बारे मे बता रहे है।
भारत में 10 प्रमुख दर्शनीय और अनोखी झीलें (Beautiful Lakes)
1. पराशर झील, मंडी / Prashar Lake, Mandi
2. डल झील, श्रीनगर/ Dal Lake, Srinagar
3. पैंगोंग त्सो, लद्दाख, Pangong Tso Lake
4. पिछोला झील, उदयपुर / Lake Pichola, Udaipur
5. चंद्रताल झील, स्पीति / Chandertal Lake, Spiti
6. वेम्बानाड झील, कुमारकोम / Vembanad Lake
7. सोमगो झील, गंगटोक / Tsomgo Lake, Gangtok
8. लोकटक झील, मणिपुर / Loktak Lake, Manipur
1 पराशर झील, मंडी / Prashar Lake, Mandi

हिमाचल प्रदेश की सुंदर और आध्यात्मिक घाटियों के साथ यहाँ एक रहस्यमयी झील है पराशर झील (Prashar Lake)। मंडी से 49 किलोमीटर दूर, यह झील एक पवित्र गंतव्य है जो कुल्लू के धौलाधार पर्वतमाला के बर्फ के पहाड़ों के बीच स्थित है। यहाँ झील के तट पर तीन मंजिला सुन्दर मंदिर बना है। यह तेरहवीं शताब्दी का पुराना मंदिर ऋषि पराशर के सम्मान में है। इसलिए इसे पराशर झील कहा जाता है। यह झील पौराणिक महत्व भी रखती है जो पांडवों के युग से जुड़ा है। झील पर एक तैरते द्वीप का रहस्य, मंत्रमुग्ध कर देने वाला दृश्य और झील के आसपास का शांत वातावरण।
पराशर उन यात्रियों के लिए एक लोकप्रिय पॉइंट, जो प्रकृति की गोद में आनंदित महसूस करते हैं। आप यहां बच्चों के साथ भी आसानी से पहुंच सकते हैं। रोमांच की तलाश में आने वाले पर्यटक आसपास के क्षेत्र में कैम्पिंग (Camping) और ट्रेकिंग (Traking) कर सकते हैं। पराशर झील (Prashar Lake)के अद्भुत मनोरम परिदृश्य पर्यटकों तथा स्थानीय सब लोगों को हैरान और रोमांचित करते है।
सर्दी हो या गर्मी, झील का गहरे नीले रंग का पानी आपको एक अलग ही प्राकृतिक छटा प्रदान करता है जिसे आप अनदेखा नहीं कर सकते। गर्मियों में पराशर झील (Prashar Lake) नीले और हरे रंग में बदल जाती है, जबकि सर्दियों में नीले और सफेद रंग की दिखाई देती है। वैसे तो आप वर्ष के किसी भी समय झील की यात्रा कर सकते हैं। आम तौर पर लोग गर्मियों के दौरान यहाँ आते, पर सर्दियों में इस झील की यात्रा करना भी एक आकर्षक अनुभव है।
2 डल झील, श्रीनगर/ Dal Lake, Srinagar
पृथ्वी पर स्वर्ग के रूप में जाने जानी वाली कश्मीर घाटी अपनी शानदार प्राकृतिक सुंदरता और आश्चर्यजनक परिदृश्य के लिए प्रसिद्ध है। जम्मू और कश्मीर की राजधानी ‘श्रीनगर’ में स्थित है कुदरत का एक और शानदार नजारा, डल झील (Dal Lake) । इस झील को ‘श्रीनगर का गहना ‘ का उपनाम मिला है और इसे लेक ऑफ फ्लावर्स के नाम से भी जाना जाता है। डल झील (Dal Lake) श्रीनगर के मुख्य आकर्षण में से एक है जो यहाँ पर्यटकों को आकर्षित करती है।
15 किलोमीटर में फैली यह झील, वुलर झील के बाद जम्मू और कश्मीर की दूसरी सबसे बड़ी झील है। झील का निर्माण पांच परस्पर जुड़े झील घाटियों द्वारा किया गया है, जिसका नाम नेहरू पार्क, निशात, निगीन, हजरतबल और बरारी नामबल है। झील की तटरेखा को मुगल-काल के खूबसूरत बागों जैसे कि निशांत बाग और शालीम बाग के साथ सजाया गया है।
सर्दियों के दौरान डल झील (Dal Lake) जमी रहती है क्योंकि तापमान 0 डिग्री सेल्सियस से नीचे गिर जाता है। यह वास्तव में एक बर्फीला आश्चर्य सा लगता है। मई-नवंबर के महीनों के दौरान मौसम सुखद रहता है और यह समय झील की यात्रा के लिए उत्तम समय है। डल झील गर्मियों और सर्दियों दोनों के दौरान अलग-अलग शानदार नज़ारों के साथ बेहद खूबसूरत लगती है। डल झील (Dal Lake) श्रीनगर आने वाले पर्यटकों के लिए एक लोकप्रिय ग्रीष्मकालीन ट्रीट (Summer Treat) है। झील की भव्य सुंदरता को शिकारा (गोंडोला जैसी टैक्सी बोट) की सवारी द्वारा सबसे अच्छा देखा जा सकता है। अगर कश्मीर के प्राकृतिक सौंदर्य और खूबसूरती को देखना चाहते हैं, तो आपकी यात्रा में डल झील अवश्य शामिल होनी चाहिए
3 पैंगोंग त्सो, लद्दाख, Pangong Tso Lake
लेह के पहाड़ियों रास्ते से महज पांच घंटे की दूरी पर स्थित खारे पानी की झील- पैंगोंग त्सो (Pangong Tso), भारत की बेहद अनोखी जगहों में से एक है। 4,350 मीटर की प्रभावशाली ऊंचाई पर स्थित, पंगोंग त्सो झील (Pangong Tso lake) या पैंगोंग झील भारत की ऊँचाई वाली झीलों में से एक है। यह एक विशाल झील है जिसका क्षेत्रफल 700 वर्ग किमी है।
इस झील को जो बात ओर भी उल्लेखनीय बनती है, वह यह है की वास्तविक नियंत्रण रेखा (Line of Actual Control) इस झील के बीचो बीच से गुजरती है। झील भारत और तिब्बत के लद्दाख क्षेत्र में 134 किमी की लंबाई तक फैली हुई है। झील की लगभग एक तिहाई लंबाई भारत के अंतर्गत आती है और बाकी तिब्बत का हिस्सा है। यह खरे पानी की झील सर्दियों के दौरान जम जाती है जिसे तब स्केटर्स द्वारा आइस स्केटिंग ग्राउंड (Ice Skating Ground) के रूप में उपयोग किया जाता है। यह झील कई प्रवासी पक्षियों की मेजबानी करती है और उनमें से कई के लिए प्रजनन मैदान के रूप में कार्य करती है।
मुझे यकीन है कि आपको वो सीन भी याद होगा जब 3 इडियट्स फिल्म मे पैंगोंग त्सो के किनारे करीना कपूर लाल रंग के लहंगे में स्कूटर की सवारी करती हैं। आप भी वहां जा कर यह सीन दुबारा दोहरा सकते है और इस प्राकृतिक स्वर्ग का आनंद ले सकते है। इस झील के पास गुजरा वक़्त आपके जीवन मे रोमांच भर देगा।
4 पिछोला झील, उदयपुर / Lake Pichola, Udaipur
पिछोला झील (Lake Pichola) ऐतिहासिक शहर उदयपुर के मशहूर, सिटी पैलेस के पास बनी एक कृत्रिम मीठे पानी की झील है। उदयपुर को झीलों के शहर (City of Lakes) के रूप में भी जाना जाता है। उदयपुर राजस्थान के सबसे अधिक देखे जाने वाले शहरों में से एक है, और पिछोला झील (Lake Pichola) इस शहर की केंद्रीय आकर्षण है। यह खूबसूरत झील करीब 4 किलोमीटर लंबी है और 3 किलोमीटर चौड़ाई में फैली है, जिसे देख के ऐसा लगता है मानो यह क्षितिज तक फैली है।
उदयपुर आना और इस झील पर नाव की सवारी न करना एक अपराध करने जैसा ही है। उदयपुर की सबसे पुरानी और सबसे बड़ी झीलों में से एक, पिछोला झील (Lake Pichola) अपने सुरम्य सौंदर्य और आसपास के दर्शनीय स्थलों के लिए विश्व प्रसिद्ध है। इस पिछोला झील के आसपास कई द्वीप, घाट, महल, मंदिर और हवेलियाँ हैं। उदयपुर का प्रसिद्ध पर्यटन स्थल, जग मंदिर (जगदीश मंदिर) भी इस झील का एक हिस्सा है। झील का नीला पानी मन पर एक सुखद प्रभाव छोड़ता है। सन-सेट के समय, इस झील पर नाव की सवारी करने से अद्भुत तो कोई अनुभव ही नहीं है।
5 चंद्रताल झील, स्पीति / Chandertal Lake, Spiti
चंद्रताल झील या चाँद झील एक अर्धचंद्राकार आकार की झील है, जो चारों तरफ विशाल हिमालय पर्वत से घिरी हुई है। इसकी चंद्रमा जैसी दिखने वाली आकृति के कारण ही इसका नाम चंद्रताल पड़ा है। यह झील हिमाचल प्रदेश के स्पीति (Spiti) में 4300 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है। यह झिलमिल झील हरे-कालीन की तरह दिखती है। इस झील के साथ अनेक कथाएँ जुड़ी हुई है। कुछ के अनुसार, यह वह स्थान है जहां से भगवान इंद्र ने अपने रथ में, पांडवो मे सबसे बड़े भाई युधिष्ठर को अपने मानव रूप में स्वर्ग ले गए थे। इसके अलावा आस-पास के गांवों के लोगों का मानना है कि झील पर अक्सर आधी रात को यहाँ परियों को देखा जाता है।
चंदेरताल झील (Chandertal Lake) सभी ट्रेकर्स और साहसिक उत्साही लोगों के लिए एक बहतरीन तोफा है क्योंकि यह प्रसिद्ध, बाटल – चंद्रताल झील-बारालाचा पास ट्रेक (चंद्रमा ट्रेक) (Chandratal Lake-Baralacha Pass trek) की शुरुआती लाइन है जो उन्हें शांत जंगल, घाटियों, अनदेखे मठों, आदि तक ले जाती है। बिना किसी संदेह के चंदेरताल झील हिमाचल प्रदेश की सबसे प्रसिद्ध पर कम एक्स्प्लोर की जाने वाली झील है। झील चारो तरफ से विशाल पहाड़ों व लंबे-चौड़े घास के मैदानों से घिरी हुई है, बसंत के दौरान यह घाटी फूलों से भर जाती है ऐसे लगता है मानो फूलों का बिस्तर बिछा हो। आकाशगंगा को देखने के लिए स्पीति एकदम सही जगह है झील का रंग आकाश के रंग के साथ बदलता रहता है, लाल से नारंगी से नीले से पन्ना तक। चंद्रताल झील की सतह पर सूर्य का प्रकाश पढ़ने से यह क्रिस्टल की तरह साफ़ दिखती है
इसलिए चंदेरताल झील पर केवल गर्मियों के महीनों के दौरान यानी जून, से लेकर सितंबर के दौरान जाना ही उत्तम है, क्यूंकि बाकी पूरे साल यह झील जमी रहती है। अब इतनी सारी खासियतों वाली झील को एक बार तो देखना बनता ही ही है।
6 वेम्बानाड झील, कुमारकोम / Vembanad Lake
केरल राज्य में स्थित वेम्बनाड झील (Vembanad Lake) देश की सबसे लंबी और केरल की सबसे बड़ी झील है। जिसकी अधिकतम लंबाई 96.5 किमी है। यह केरल के कई जिलों में फैली है, इस झील को विभिन्न नामों से पुकारा जाता है क्योंकि यह केरल के कई हिस्सों से होकर बहती है। केरल के तीन प्रमुख जिलों – अलाप्पुझा, कोट्टायम, और एर्नाकुलम से घिरी है।
यह झील केरल की प्रमुख बैकवाटर डेस्टिनेशन (Backwater Destination) के रूप में जानी जाती है। आप हाउस बोट या नाव में बैठकर झील के जरिए वेम्बनाड की सुंदरता और शांति का आनंद ले सकते हैं। झील की सबसे बड़ी खासियत इसके विविध परिदृश्य हैं जिनमें तटीय बैकवाटर, लैगून, मैंग्रोव और दलदल शामिल हैं। इस झील में द्वीपों के कई छोटे समूह हैं वेम्बनाड झील की यात्रा के लिए सर्दियों का सबसे अच्छा समय नवंबर-फरवरी के महीनों के दौरान होता है।
यह झील केरल के लिए मीठे पानी का एक प्रमुख स्रोत है और तटों पर रहने वाले कृषक समुदायों की सिंचाई जरूरतों को भी पूरा करती है। पर इस झील में एक अद्वितीय पारिस्थितिकी तंत्र (Ecosystem) है जिसमें एक तरफ खरा पानी और दूसरे आधे भाग मे मीठा पानी है। थन्नेर्मुक्कोम Thanneermukkom के पास निर्मित एक बैराज, झील को दो भागों में विभाजित करता है और खारे पानी को झील के मीठे पानी वाले हिस्से में प्रवेश करने से रोकता है।
7 सोमगो झील, गंगटोक / Tsomgo Lake, Gangtok

सिक्किम में सबसे अधिक देखी जाने वाली झील पूर्वी सिक्किम में त्सोमगो झील (Tsomgo Lake) है। सोमगो झील गंगटोक से 35 किलोमीटर से दूर और 12,000 फीट की ऊंचाई पर, नाथू ला पास के मार्ग पर स्थित है। स्थानीय भाषा में इसे चांगू झील भी कहा जाता है। झील में पानी आसपास की बर्फ पिघलने के कारण आता है। खड़ी और ऊबड़-खाबड़ पहाड़ी इलाकों में स्थित यह झील शुरुआती सर्दियों से लेकर देर वसंत तक बर्फ से ढकी रहती है। यह आश्चर्यजनक सुंदर हिमनदी झील पर्यटकों के साथ-साथ स्थानीय लोगों के लिए एक महत्वाकांक्षी जगह है
सिक्किम मे इसे एक पवित्र झील माना जाता है इसके साथ कई कथाएँ और मिथक भी जुड़े हुए है। । प्रार्थना के लिए झील के चारों ओर रंगीन झंडे और घंटियां लगे है जो इसे बेहद ही अद्भुत दर्शनीय स्थान बनाती हैं। झील के पास रंग-बिरंगी सजी हुई याक और खच्चरों की सवारी की जाती है, यहाँ खाने पीने के विभिन्न प्रकार के स्टाल भी होते हैं। छुट्टियाँ बिताने के लिए यह एक दम बढ़िया जगह है। पर पर्यटकों को झील पर जाने के लिए परमिट की आवश्यकता होती है, जिसे सिक्किम पर्यटक सूचना केंद्र के माध्यम से एम.जी. रोड, गंगटोक दिया जाता है।
झील साल के अलग-अलग समय में अलग लगती है जैसे कि जनवरी – मार्च; झील और उसके आसपास की पहाड़ियाँ जमी हुई अवस्था मे होती हैं, अप्रैल से मई के बीच मे ऑर्किड फूलों को देख सकता है, जबकि अक्टूबर से दिसम्बर पहाड़ियों के बेहतरीन दृश्यों को देखने के लिए उत्तम समय है साथ ही सुखद वातावरण प्रदान करता है।
8 लोकटक झील, मणिपुर / Loktak Lake, Manipur

मणिपुर राज्य की राजधानी “इंफाल” (Imphal) से लगभग 52 किमी दूर, भव्य लोकतक झील (Loktak Lake) है। वनस्पतियों और जीवों की शरण स्थली- लोकटक झील (Loktak Lake), 287 वर्ग किमी के क्षेत्र में फैली, भारत के उत्तर-पूर्वी भाग की सबसे बड़ी ताजे पानी की झील है।
यह झील अपने तैरने वाले दलदल के लिए सबसे प्रसिद्ध है, जिसे स्थानीय भाषा में फुमदी (Phumdis) के नाम से जाना जाता है। फुमदी छोटे द्वीपों की तरह दिखते हैं ये मिट्टी, वनस्पति और अन्य कार्बनिक पदार्थों का जमा द्रव्य है, जो धीरे धीरे सड़ने के विभिन्न चरणों (Stages of Decomposition) के बाद ऐसे बनते हैं। केइबुल लामजाओ राष्ट्रीय उद्यान (Keibul Lamjao National Park) जो पूरी दुनिया में एकमात्र तैरता हुआ राष्ट्रीय उद्यान है, इसी झील पर स्थित है।
इस राष्ट्रीय उद्यान में 400 से अधिक पशु प्रजातियाँ पाई जाती हैं। यह लुप्तप्राय हिरण प्रजातियों में से एक के लिए प्राकृतिक घर है, जिसे संगाई हिरण (Sangai Deer) के रूप में जाना जाता है। पार्क में कई आर्द्रभूमि पक्षियों को देखा जा सकता है जिनमें प्रवासी जलपक्षी भी शामिल हैं।
झील राज्य के पीने के पानी, सिंचाई और जल विद्युत उत्पादन आवश्यकताओं को पूरा करती है। लोकतक झील (Loktak Lake) की प्राकृतिक सुंदरता और अद्वितीय दृश्य, प्रकृति-प्रेमी पर्यटकों और फोटोग्राफरों को बहुत आकर्षित करती हैं। इस क्षेत्र में पूरे वर्ष भरपूर बारिश होती है और सर्दियाँ मे काफी ठंडी होती हैं। इसलिए, भले ही मौसम पूरे वर्ष अनुकूल रहता है, परन्तु खराब ठंड से बचने के लिए उचित कपड़े ले जाना अति आवश्यक है।
9 रूपकुंड झील, चमोली, उत्तराखंड / Roopkund Lake, Utrakhand

उत्तराखंड राज्य के चमोली जिले, मे समुद्र तल से लगभग 5,000 मीटर, की ऊंचाई पर रूपकुंड झील (Roopkund Lake) है। यह एक ग्लेशियल झील (Glacial Lake)है, जिसे ‘मिस्ट्री झील’ कहते हैं। एक सौ तीस फीट चौड़ी यह झील वर्ष के अधिकांश समय, बर्फीली घाटी में एक अकेला ठंडा जमा हुआ तालाब होती है। लेकिन गर्म दिनों में, बर्फ पिघलते ही, यह सैकड़ों खोपड़ीयां और हड्डियां तैरने लगती है यह एक भयानक दृश्य बन जाता है। जो कि कंकाल झील के रूप में जाना जाता है। यह एक वीरान जगह है और इसमें 500 से अधिक मानव कंकाल हैं कुछ मानव हड्डियां 850A.D से मौजूद हैं।। अब यह प्रयटकों का एक मनपसंद पॉइंट बन गया है। जो उत्तराखंड आता है वह एक बार कंकाल झील जरूर देखना चाहता है।
हालांकि वर्षों से, अवशेषों के लिए, विभिन्न वैज्ञानिक और अलौकिक सिद्धांत यह बताने के लिए सामने आए हैं कि यह कंकाल किस से संबंधित हो सकते हैं, साथ ही कब और कैसे यह इस झील मे पहुंच गए। परन्तु रूपकुंड झील (Roopkund Lake) या कंकाल झील का रहस्य वैसे ही बना हुआ है। आपको भी यदि डरावनी कहानियां पसंद है या रहस्यों को सुलझाना अच्छा लगता है तो एक बर इस झील पर अवश्य जाए ।
10 चिलिका झील / Chilika Lake Odisha

चिलिका ओडिशा में पुरी के पास एक खारे पानी का लैगून है। यह देश के पूर्वी तट पर दया नदी के अंत में स्थित है। किसी को आश्चर्य हो सकता है कि लैगून के बारे में क्या खास है। दरसहल यह प्रवासी पक्षियों के लिए एक महत्वपूर्ण शीतकालीन मैदान के रूप में जाना जाता है। चिलिका न केवल देश का सबसे बड़ा तटीय लैगून (Coastal lagoon) है, बल्कि पूरी दुनिया में दूसरा सबसे बड़ा है। न्यू कैलेडोनियन बैरियर रीफ (New Caledonian barrier reef) के बाद, इस झील को दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी खारे पानी की लैगून के रूप में भी जाना जाता है।
विशाल झील जानवरों और पौधों की कुछ अति लुप्तप्राय प्रजातियों का घर है। चिलिका (Chilika Lake) भारत में अत्यंत दुर्लभ इरावाडी डॉल्फ़िन (Irrawaddy dolphins) का एकमात्र ज्ञात निवास स्थान है। यहाँ बड़ी संख्या में प्रवासी पक्षी सर्दियों के दौरान इस झील पर आते हैं।
यदि आप बर्ड वाचिंग करना पसंद करते हैं, तो आगे बिना कुछ सोचे इस लैगून के लिए निकल पढ़िए। सर्दियों का मौसम, वास्तव में नवंबर से फरवरी के महीनों का समय, यहाँ आने वाले पक्षियों की सुंदरता को देखने के लिए और झील का दौरा करने का आदर्श समय है। जून-सितंबर के दौरान बारिश के मौसम से बचना ही बेहतर है।
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