हर मंदिर के पीछे भक्ति, चमत्कार और विश्वास की कहानी होती है। दुनिया भर में, मंदिर आमतौर पर देवी-देवताओं के लिए बनाए जाते हैं, लेकिन आज हम आपको एक ऐसे मंदिर के बारे में बताएंगे, जो एक ऐसे व्यक्ति को समर्पित है जो अमर बन गया, जिसने मौत को हरा दिया है।
मानो या न मानो, लेकिन यह सच है, दुनिया में अपनी तरह की कहानी में से एक- नाथुला बॉर्डर (Nathula Border) में भारतीय सेना (Indian Army) के एक सिपाही की कहानी है। जो अपनी मौत के करीब तीन दशक बाद भी अपना कर्तव्य निभा रहा है।
गंगटोक (Gangtok) से 60 किमी दूर, नाथुला पास (Nathula Border) में, मनोरम दृश्यों के बीच, एक सड़क कुपुप घाटी की ओर जाती है। यहाँ बाबा हरभजन सिंह (Baba Harbhajan Singh) की समाधि है। जिसे बाबा मंदिर के नाम से जाना जाता है। बाबा हरभजन (Baba Harbhajan) पिछले तीन दशकों से दो एशियाई देशो, चीन और भारत की अंतरराष्ट्रीय सीमा की रखवाली कर रहे हैं। लेकिन हमारा विश्वास करो कि वह इसे अकेले करते है।
कौन थे बाबा हरभजन सिंह? कैसे हुई उनकी मृत्यु? Kaun the Baba Harbhajan Singh? Kaise hui unki Mrityu?
30th August 1946 को सद्राना गांव, गुज्जरवाला, पंजाब (पाकिस्तान) में जन्मे हरभजन सिंह (Harbhajan Singh), फरवरी 1966 में पंजाब बटालियन में बतौर सिपाही शामिल हुए। 1968 का वह वर्ष जब सिक्किम (Sikkim) और उत्तर बंगाल (North Bengal) के राज्यों में भारी प्राकृतिक तबाही हुई थी, जिसमें भूस्खलन, बाढ़ और भारी बारिश ने हजारों लोगों की जान ले ली थी। सिपाही हरभजन सिंह (Harbhajan Singh) तेकुला में अपने बटालियन के साथ बचवा का काम कर रहे थे, वह एक तेज बहाव वाली धारा में गिर गए और डूब गए। चार दिन तक सिपाही हरभजन की खोज की गयी पर कोई नतीजा नहीं निकला। कुछ दिन बाद हरभजन सिंह (Harbhajan Singh) उनके सहयोगी प्रीतम सिंह के सपना मे आए और उन्हें अपनी दुखद घटना की सूचना दी की उनका शव बर्फ के नीचे दबा है ,और उन्हें अपनी की इच्छा बताई कि उनके बाद एक समाधि बनाई जाए। प्रीतम सिंह ने सपने को केवल कल्पना के रूप में नजरअंदाज कर दिया लेकिन बाद में जब सिपाही हरभजन सिंह (Harbhajan Singh) का शव उस स्थान पर पाया गया, जहां हरभजन सिंह (Harbhajan Singh) ने सेना के अधिकारी को बताया था।फिर उनकी इच्छा के अनुसार छोकिया छो के पास एक समाधि का निर्माण किया गया ।
कैसे जाते है बाबा हरभजन सिंह हर साल अपने गांव ? Kaise jate hai Baba Harbhajan singh har saal apne gaon?
जब से वे बाबा बन गए। भारतीय सेना ने उन्हें माननीय कैप्टन रैंक (Captain Rank) में प्रमोट किया। एक और दिलचस्प बात यह है कि हर साल 11 सितंबर को भारतीय सेना, कैप्टन बाबा हरभजन सिंह (Captain Baba Harbhajab Singh) के निजी सामान से भरी जीप उनके घर भेजती है।
सामानों को न्यू जलपाईगुड़ी (New Jalpaiguri) रेलवे स्टेशन से भेजा जाता है और वहाँ से यह पंजाब के कूका गाँव में जाता है। दिलचस्प है, भारतीय सेना, बाबा हरभजन सिंह (Baba Harbhajan Singh) के लिए एक स्पेशल रिजर्वेशन करती है, और हाँ सीट खाली रहती है (शहीद सिपाही के लिए) और रेलवे इसे वेटिंग लिस्ट के किसी भी यात्री को नहीं देता ।
बाबा हरभजन सिंह (Baba Harbhajan Singh) के सामान पर सेना के तीन सैनिकों की नज़र रहती है , जब तक वह उनके गाँव तक नहीं पहुँच जाता। और ये वो समय भी होता है,जब बाबा हरभजन सिंह (Baba Harbhajan Singh) 2 महीने की छुट्टी पर होते हैं । तथ्य यह भी है कि कई सैनिक एक निश्चित राशि का योगदान करते हैं और इसे बाबा की माँ को देते हैं। यह वे एक सम्मान के रूप में देते है जो बाबा हरभजन सिंह (Baba Harbhajan Singh) ने अपनी रेजीमेंट मे पाया है।
पर जब भी बाबा हरभजन सिंह (Baba Harbhajn Singh) छुट्टी पर होते है, भारत-चीन सीमा (Indo – China Border) में पंजाब रेजिमेंट हाई अलर्ट पर होता है । अब आप सोचगे कि बाबा हरभजन सिंह के छुट्टी पर जाने और हाई अलर्ट घोषित करने के बीच क्या संबंध है?
यह कहा जाता है कि बाबा हरभजन (Baba Harbhajan Singh), भले ही मर चुके हों, पर वह अपना कर्तव्य चौबीस घंटे सातो दिन (24×7) निभाते हैं। जब वह छुट्टी पर होते हैं तब भी। यहां तक कि अंतर्राष्ट्रीय सीमा के दूसरी तरफ सेना के लोग इस बात की पुष्टि करते हैं कि उन्होंने एक आदमी को सीमा पर अकेले घोड़े की सवारी करते गश्त लगाते हुए देखा है।
कई मौकों पर, बाबा ने भारतीय सेना को दुश्मन सैनिकों से हमलों के लिए सचेत किया है। उनके इस योगदान के कारण, बाबा को कैप्टन रैंक के लिए पदोन्नत (promoted) किया गया। यहां तक कि भारत और चीन की फ्लैग मीटिंग के दौरान भी बाबा हरभजन सिंह (Baba Harbhajan Singh) के लिए एक कुर्सी आरक्षित की जाती है।
कैसे होती है बाबा हरभजन सिंह की पूजा ? Kaise hoti hai Baba Harbhajan Singh ki pooja?

अब आपको मंदिर के बारे में कुछ बताते है। कई वर्षो से, यहाँ आने वाले लोगो के कारण बाबा हरभजन की समाधि को बहुत सम्मान प्राप्त है । सिक्किम में सेना के हर जवान द्वारा बाबा का सम्मान और पूजा की जाती है। उनका मानना है कि बाबा घाटी में आगे होने वाली दुर्घटना का पूर्वानुमान करेंगे और हमें मार्ग दर्शान देंगे ।
बाबा हरभजन सिंह(Baba Harbhajan Singh) के मंदिर मे तीन कमरे है। बीच वाले कमरे में हिंदू देवताओं और सिख गुरुओं के साथ बाबा का एक बड़ा फोटो है। इसके दाईं ओर बाबा का निजी कमरा है। कमरे में कपड़े, जूते, चप्पल और साफ सुथरे बिस्तर से लेकर आवश्यक हर घरेलू सामान है। वर्दी अच्छे तरीके से इस्त्री करके और जूते पॉलिश करके इस्तेमाल के लिए तैयार रखे हैं। इस कमरे के विपरीत एक छोटा कमरा है जिसमें एक स्टोर रूम है। कमरे में पानी की बोतलें, चप्पल, टूथ ब्रश और बाबा को चढ़ाए जाने वाले अन्य सामान भरे पड़े हैं।
अनुयायियों का मानना है कि एक सप्ताह के बाद मंदिर में रखा पानी पवित्र पानी में बदल जाता है और हर बीमारी का इलाज हो जाता है । वह भक्त जो तीर्थ यात्रा नहीं कर सकते हैं, वह बाबा को पत्र भेजते है, बाबा के सहयोगी उससे खोलते है। इन पत्रों में आमतौर पर बाबा के लिए व्यक्तिगत समस्याओं को हल करने में मदद करने का अनुरोध होता है।
हर साल 4 अक्टूबर को भारतीय सेना द्वारा यहां एक विशेष समारोह का आयोजन किया जाता है। जिसमे बाबा हरभजन सिंह (Baba Harbhajan Singh) की भूमिका के साथ-साथ भारतीय सेना के उन सैनिकों को सम्मानित किया जाता है, जिन्होंने देश की सुरक्षा के लिए अपनी जान का सर्वोच्च बलिदान दिया ।

साल भर प्रत्येक रविवार और मंगलवार को बाबा मंदिर में पूजा की जाती है, जहां भक्तों के बीच प्रशाद रुपी भोजन वितरित किया जाता है।
बाबा हरभजन सिंह की कहानी से प्रेरित एक शार्ट फिल्म Baba Harbhajan Singh ki kahani se prerit ek short film
अगर आप चाहे तो बाबा हरभजन सिंह (Baba Harbhajan Singh) से प्रेरित एक शार्ट फिल्म (short film) प्लस माइनस (Plus Minus) देख सकते है। जिसमे मशहूर यूट्यूबर (YouTuber) भुवन बेम (Bhuvan Bam) और बॉलीवुड अभिनेत्री, दिव्या दत्ता (Divya Dutta) ने अभिनय किया है। इस मूवी को फिल्मफेयर (Filmfare) द्वारा बेस्ट शार्ट फिल्म (Best Short Film 2019) पीपल चॉइस (People Choice) अवार्ड से सम्मानित किया गया है ।
आशा करते है की आपको बाबा हरभजन सिंह (Baba Harbhajan Singh), एक अमर सिपाही जो अपने कर्त्तव्य को मरणोपरांत भी निभा रहा है, के बारे मैं जानकर आपको गर्व हुआ होगा
Kamal ha aisa bhi. Hota hai