41 unknown facts of Mahabharat | महाभारत के 41 अनसुने तथ्य

Mahabharat_unknown_facts_hindi
शेयर करें

महाभारत (Mahabharat) महाकाव्य हमेशा सब लोगो को आकर्षित करता है चाहे वो इसके बारे मे जानते है या नहीं। यह रोचक तथ्यों (interesting facts) और ज्ञान वर्धक बातों का एक ऐसे विशाल खजाना है की किसी के लिए भी सब कुछ जान पाना असंभव है। ऐसे कई तथ्य हैं, जो अभी भी लोगों के लिए अज्ञात हैं। 

आज हम आपको महाभारत (Mahabharat) की ऐसे ही 41 आश्चर्यजनक बातों (Interesting Facts) के बारे में बताने जा रहे हैं।

  1. महाभारत (Mahabharat) को महर्षि वेदव्यास (Maharishi Vedvyas) ने पाँचवें वेद शास्त्र के रूप में लिखा था। यह हिंदू संस्कृति की एक महत्वपूर्ण धरोहर है। इस महाकाव्य से भगवद् गीता (Bhagavad Gita) भी निकली जिसमें कुल एक लाख श्लोक हैं।
  2. महाभारत (Mahabharta) की रचना अवशय महर्षि वेदव्यास (Maharishi Vedvyas) ने की थी, परन्तु इसे लिखा भगवान गणेश (Lord Ganesh) ने था। वह भी एक शर्त के साथ कि महर्षि वेदव्यास लगतार श्लोकों को बोलते रहेंगे बिना रुके हुए।
    Mahabharat_unknown_facts_hindi
    Gita Press Gorakhpur, Ganesha write Mahabharata, CC0 1.0
  3. महाभारत (Mahabharat) में अठारह 18 अध्याय हैं।
  4. सबसे पहले महर्षि वेदव्यास (Maharishi Vedvyas) के शिष्य वैशम्पायन ने पहली बार राजा जनमेजय के घर महाभारत (Mahabharat) पढ़ी, जो अभिमन्यु (Abhimanyu) के पोते और परीक्षित (Parikshit) के पुत्र थे। 
  5. वेद व्यास कृष्ण द्वैपायन (Veda Vyasa Krishna Dvaipayana), धृतराष्ट्र, पांडु और विदुर के पिता थे।
  6. अभिमन्यु (Abhimanyu) की पत्नी उत्तरा (Uttara) थी। उनका पुत्र परीक्षित (Parikshit) बाद में राजा बना था।
  7. सहदेव (Sahdev) एक उत्कृष्ट ज्योतिषी (Astrologer) था। उसे सब पता था भविष्य के विषय में। वह जानता था कि महायुद्ध होने वाला है, लेकिन वह चुप रहा क्योंकि वह एक अभिशाप के तहत था कि अगर उसने किसी को कुछ भी बताया तो वह मर जाएगा। 
  8. सहदेव के एक महान ज्योतिषी होने की कहानी। पांडु (पांडवों के पिता) की इच्छा थी उसके मरणोपरान्त उसके मांस उसके पुत्र खाये, जिसे उनका ज्ञान जो उन्होंने इतने सालो की तपस्या से प्राप्त किया है उनके पास चला जाये। पांडव भाइयो में केवल सहदेव ने एक टुकड़ा खाया, जिस क्षण उसने खाया, वह भविष्य देखने के लिए सक्षम हो गया था, लेकिन भगवान द्वारा उसको रोका दिया गया था।
  9. द्रोण का जन्म एक पात्र में हुआ था। वह ऋषि भारद्वाज के पुत्र थे।
  10. भीष्म (Bheesm) का वास्तविक नाम देवव्रत (Devvrat) था। इसकी वजह था उनके दुवारा लिया गया भीष्म तथा कठिन व्रत, कि वह पिता का विवाह सत्यवती (Satyavati) से करवाएंगे और सदैव ब्रमचर्य का पालन करेंगे, इसलिए उन्हें भीष्म कहा जाता था।
    Mahabharat_unknown_facts_hindi
    Image via Ramanarayanadatta astri, Fight between Bhisma and Arjun, marked as public domain, more details on Wikimedia Commons
  11. महाभारत (Mahabharat) का तेरहवाँ पर्व, अनुषासन पर्व (Anushashana parva) है, जिसमे भीष्म, युधिष्ठिर को बताते हैं शासन का संचालन कैसे करें।
  12. बलराम (Balram) ने अपनी बहन सुभद्रा (Subhadra) का विवाह दुर्योधन (Duryodhan) से करने की योजना पहले से बनाई थी। लेकिन सुभद्रा, अर्जुन (Arjun) से शादी करना चाहती थी, इसलिए वह उसके साथ भाग गई।
  13. द्रौपदी, सुभद्रा, चित्रांगदा और उलूपी, अर्जुन की चार पत्नियां थीं। सुभद्रा, श्री कृष्ण की बहन भी थी।
  14. एकलव्य (Eklavya) वास्तव में कृष्ण (Krishna) का चचेरा भाई था। वह देवश्रवा का पुत्र था जो वासुदेव का भाई था। वह जंगल में खो गया और एक निशाड़ा हिरण्यधनु से मिला। यादव वंश से लड़ते हुए एकलव्य की मृत्यु हो गई। वह कृष्ण द्वारा मारा गया था। 
  15. जरासंध (Jarasandh) का जन्म दो हिस्सों में हुआ था। इन दो हिस्सों को राक्षसी जारा ने जोड़ा था, इसलिए उसका नाम जरासंध है।
  16. जरासंध (Jarasandh) की मृत्यु भीम (Bheem) दुवारा हुई थी। जिस प्रकार उसका जन्म दो हिस्सों में हुआ था, उसी प्रकार उसका वध भी दो हिस्सों में हुआ ।
  17. युधिष्ठिर (Yudhisthira) की एक और पत्नी थी जिसका नाम देविका (Devika) था। वह सेव्या जनजाति की गोवासना की बेटी थी। उनका पुत्र यौधेय था।
  18. महाभारत (Mahabharat) में विदुर, यमराज के अवतार थे।
  19. विदुर ने पांडवों को लाक्षागृह से भागने में सहायता की थी।
  20. लाक्षागृह से भागने के बाद भीम (Bheem) ने राजा हिडिंब (Hidimb) को मार दिया और बाद में भीम ने उसकी बहन हिडिम्बा (Hidimba) से शादी की।
  21. श्रीकृष्ण (Sri Krishna) ने शिशुपाल (Shishupal) को मारने से पहले उसके कर्मो के लिए उसे सौ बार क्षमा किया था। 
  22. पांडवों ने अपने शस्त्रों को अज्ञातवास के दौरान शामी के पेड़ पर छिपा दिया था। 
  23. महाभारत (Mahabharat) का युद्ध एक महिला के कारण हुआ। ऐसा माना जाता है कि द्रौपदी (Draupadi) ने धृतराष्ट्र (Dhritarashtra) के पुत्रों को अंधों के पुत्र के रूप में संबोधित किया। इसने दुर्योधन को पांडवों का कट्टर दुश्मन बना दिया।
  24. द्रौपदी (Draupadi) का प्रारंभिक जीवन और स्वायंभर की सम्पूर्ण कथा आदि पर्व में लिखी गयी है।
  25. महाभारत (Mahabharat) का युद्ध 18 दिनों तक चला था।
  26. महाभारत के युद्ध के ग्याहरवें दिन महारथी कर्ण ने युद्ध में भाग लिया था
  27. कौरवों की एक बहन भी थी। उसका नाम दुशाला (Dusshala) था। बाद में उनकी शादी जयद्रथ से हुई, जो अपने बेटे अभिमन्यु की मौत का बदला लेने के लिए अर्जुन द्वारा मारा गया था।
  28. कौरव के 100 भाइयों में से केवल युयुत्सु ही महाभारत (Mahabharat) युद्ध में बच पाया था, युयुत्सु ने पांडवों की तरफ से लड़ाई लड़ी थी।
  29. पांडवों का शासन उनके पौत्र परीक्षित ने किया। बाकी पांडव पुत्र महाभारत (Mahabharat) युद्ध के दौरान अश्वत्थामा (Aswathama) द्वारा मारे गए थे।
  30. भगवान शिव (Lord Shiva) द्वारा दिए गए वरदान के कारण, जयद्रथ पांडवों को पुरे दिन तक युद्ध से दूर रखने में सक्षम रहा। यह अभिमन्यु की मृत्यु का कारण बना।
  31. अश्वत्थामा (Aswathama) ने कृतवर्मा और कृपाचार्य की सहायता से धीरद्युम्न (Dhristdyumna), शिखंडी (Shikhandi) और पांडवों के पुत्रों (Pandava’s sons) को युद्ध की आखिरी रात को मार डाला।
  32. श्री कृष्ण (Lord Krishna) ने अश्वत्थामा को उसकी कायरता के कारण हमेशा जीवित रहने का श्राप दिया था।
  33. घटोत्कच (Ghatotkacha) पाण्डु पुत्र भीम के पुत्र थे। महाभारत युद्ध में कर्ण ने अपनी शक्ति के प्रयोग से घटोत्कच को (Ghatotkacha) मार दिया था।
  34. अर्जुन (Arjun) का पुत्र अभिमन्यु (Abhimanyu) वास्तव में कालयवन नामक एक दैत्य (दानव) की आत्मा था। भगवान कृष्ण (Lord Krishna) ने कालयवन को जलाकर मार डाला और उसकी आत्मा पर कब्जा कर लिया था ।
  35. अभिमन्यु ने अपनी माँ सुभद्रा की कोख मे चक्रव्यूह (Chakravyuh) में प्रवेश करने की विधि सीखी थी, परन्तु जब अर्जुन चक्रव्यूह से आने की विधि बता रहे थे तो उनको लगा की सुभदरा सो गयी है इसलिए उन्होंने विधि नहीं बताई, यह कौशल जो अभिमन्यु नहीं सीख सका था, उनकी मृत्यु का कारण बना।
    Mahabharat_unknown_facts_hindi
    Image via Ramanarayanadatta astri, Abhimanyu killing the famous warriors of kaurava army, marked as public domain, more details on Wikimedia Commons
  36. गांधारी (Gandhari) के वरदान से, दुर्योधन (Duryodhan) का शरीर अभेद्य हो गया, केवल उसकी जांघों को छोड़कर जिसपर उसने वस्त्र पहन लिया था, श्री कृष्ण की सलाह पर।
  37. महाभारत (Mahabharat) युद्ध के 18 वें दिन जब दुर्योधन (Duryodhan) मारा गया तो उसके ऊपर फूलों की वर्षा हुई थी।
  38. अर्जुन (Arjun) ने प्रण लिया था की जब भी कभी कोई उसके गांडीव / धनुष का अपमान करेगा तो वह उसके प्राण ले लेगा। तो जब युधिष्ठिर ने अर्जुन की गांडीव का अपमान किया तो अर्जुन धर्म संकट में पड़ गया, तब भगवान् श्री कृष्णा (Lord Krishna) प्रकट हुए और अर्जुन को इसका मार्ग बताया की बड़ो का अपमान करना भी उनकी मृत्यु के सामान है, इस प्रकार अर्जुन ने युधिष्ठिर की हत्या अपने शब्दों से की।  
  39. भगवान श्री कृष्णा (lord Krishna) जिस रथ की सवारी कर रहे थे वो बहुत शक्तिशाली था और महाभारत (Mahabharat) युद्ध के दौरान अर्जुन (Arjun) के ऊपर कई विनाशकारी हथियारों का इस्तेमाल किया गया था और उनमें से कई अर्जुन के रथ को भी लगे। युद्ध के अंत तक रथ स्थिर था। जब दुर्योधन मारा गया और विजय शंख बज गया, तो श्री कृष्ण ने अर्जुन को रथ से नीचे उतरने के लिए कहा। अर्जुन ने नीचे उतरने से इनकार कर दिया क्योंकि यह रिवाज था कि सारथी को सम्मान के प्रतीक के रूप में सबसे पहले नीचे उतरने में मदद करनी चाहिए। कृष्ण ने अर्जुन से उसकी बातों पर विश्वास करने को कहा। अर्जुन रथ से नीचे उतरता है, कृष्ण घोड़ों को मुक्त करते हैं और नीचे उतरते हैं। उतारते ही उन सभी हथियारों की शक्ति के कारण जो रथ से टकराए थे, रथ में विस्फोट हो जाता है ।
    Mahabharat_unknown_facts_hindi
    Image via Manipuralive, Mahabharata-arjun, CC BY-SA 4.0
  40. जब भीष्म अपने अंतिम क्षणों में बाणों की शय्या पर थे और पांडवों को ज्ञान दे रहे थे। तब द्रौपदी, भीष्म पर हंस पड़ी थी।
    Mahabharat_unknown_facts_hindi
    Image via Ramanarayanadatta astri, Krishna and Pandavas along with Narada converse with Bhishma who is on bed of Arrows, marked as public domain, more details on Wikimedia Commons
  41. श्री कृष्ण (Lord Krishna) की मृत्यु के बाद, पांडवों ने भी जीवन जीने में अपनी रुचि खो दी। अतः उन्होंने अपनी स्वर्ग की यात्रा की शुरुआत की, यात्रा के दौरान सभी पांडवों ने एक एक करके अपने प्राण त्याग दिए। केवल युधिष्ठिर और एक कुत्ता ही सवर्ग तक पहुंचने में कामयाब हुए। वह कुत्ता धर्मराज था।
  42. युधिष्ठिर ने अपने भाइयों को स्वर्ग में पाया। वहाँ दुर्योधन से भी उसकी भेंट हुई और वह दुर्योधन को देख कर हैरान रह गए। नारद ने युधिष्ठिर को समझाया कि दुर्योधन ने कभी कायरता नहीं दिखाई, उसने एक योद्धा की तरह मृत्यु पाई, वह भी एक पवित्र स्थान पर। इसलिए वह स्वर्ग में है

भगवान कृष्ण के बारे में 15 अज्ञात तथ्य – हमारे मोर मुकुटधारी।


शेयर करें

Related posts

One Thought to “41 unknown facts of Mahabharat | महाभारत के 41 अनसुने तथ्य”

Leave a Comment