भारत एक धर्म प्रधान देश है, जो अपने अद्भुत मंदिरों के लिए जाना जाता है। सदियों से यह मंदिर भारतीय समाज के अभिन्न अंग बने हुए हैं और भारतीय धार्मिक जीवन का केंद्र है। एक मंदिरों की भूमिका केवल मनुष्य के धार्मिक जीवन तक सीमित नहीं होती, वे देश के सांस्कृतिक और आध्यात्मिक विरासत मे भी योगदान करता है। भारत मे कई ऐसे मंदिर है जिनकी अद्भतु सुंदरता और कलात्मकता का कोई जवाब ही नहीं। यह मंदिर सैकड़ो वर्ष पुराने है परन्तु इनकी भव्यता आज भी जीवित हैं।
भारत में मंदिरों की सूची बहुत लंबी हैं, और इनमें से कुछ को चुनना बहुत मुश्किल है। फिर भी हम कोशिश करके 10 प्रसिद्ध मंदिरों कि एक सूची बनाई है। हम आशा करते है आपको पसंद आये। यदि आप भी इतिहास और वास्तुकला मे रुचि रखते है तो यह आर्टिकल अंत तक पूरा पढ़िएगा।
भारत के 10 प्रसिद्ध मंदिर / 10 most famous Temples in India
1 वैष्णो देवी मंदिर / Vaishno Devi Mandir, Jammu
भारत के राज्य जम्मू के कटरा शहर मे स्थित है माँ वैष्णो देवी मंदिर। यह भारत के सबसे महत्वपूर्ण मंदिरों में से एक है। लोग कटरा से लगभग 12 किमी की यात्रा के बाद, एक पवित्र गुफा तक पहुंचते है, जो माँ वैष्णो देवी का निवास स्थान है। यह त्रिकुटा नाम के पर्वत में 5200 फीट की ऊंचाई पर स्थित है। माँ वैष्णो देवी मंदिर तक पहुँचने की यह यात्रा प्राकर्तिक सुंदरता से भरी हुई है और सर्दियों के मौसम मे मंदिर के चारों ओर की पहाड़ियाँ बर्फ से ढक जाती है यह नज़ारा ओर भी मनमोहक तथा सुन्दर हो जाता है जिसे यात्रा का आनंद और बढ़ जाता है। भक्त यह मंदिर तक पहुँचने के लिए पैदल चल कर जा सकते है या फिर घोड़े की सवारी भी कर सकते है। अब तो यात्रियों के पास हेलीकॉप्टर का विकल्प भी है, यानि आप हेलीकाप्टर के द्वारा भी यह यात्रा कर सकते है वह भी मिनटों मे। यह मंदिर साल भर खुला रहता है।
वैष्णो देवी मंदिर, दुनिया भर में हिंदू धर्म के लोगों के लिए सबसे पवित्र और प्रसिद्ध स्थान है। अपने दृढ़ विश्वास के कारण, हर साल लाखों लोग माँ वैष्णो देवी के आशीर्वाद लेने आते हैं। माँ वैष्णो देवी के दर्शन करने वाला बहुत भाग्यशाली होता है, क्योंकि हर किसी को माँ के दर्शन का मौका नहीं मिलता है। ऐसा माना जाता है कि माँ का बुलावा आए बिना वहाँ कोई नहीं जा सकता।
2 मीनाक्षी मंदिर, मदुरै / Meenakshi Temple, Madurai
मीनाक्षी मंदिर 12वीं शताब्दी में बनाया गया था, यह भारत के सबसे पुराने मंदिरों में से एक है। लेकिन मंदिर की भव्यता आज भी ऐसी है मानो जैसे इसे अभी ही बनाया गया हो। यह मंदिर भारतीय राज्य तमिलनाडु के, मदुरै में स्थित है और देवी मीनाक्षी (पार्वती का एक अवतार) को समर्पित है।
मदुराई का मीनाक्षी मंदिर आकार और क्षेत्र के अनुसार भारत का सबसे बड़ा मंदिर माना जाता है। यहाँ कुल 985 खंभे है जो पूरे मंदिर को सजाते हैं, और इन खंभो पर देवताओं, राक्षसों और दिव्य जानवरों की अद्भुत नक्काशी की गयी है। हर एक खंभा दूसरे के बिलकुल अलग है सब पर अलग अलग नक्काशी की गई है।
इस मंदिर मे 14 गोपुरम या गेटवे हैं, जिन्हें शानदार, चमकीले नक्काशीदार पत्थर की पेंटिंग द्वारा सजाया गया हैं। 14 में से केवल चार को प्रमुख माना जाता है। वे चार दिशाओं में स्थित हैं (यानी मंदिर के दक्षिणी, पूर्वी, पश्चिमी और उत्तरी किनारे)। सबसे ऊँचा गोपुर लगभग 170 फीट तक ऊँचा है और इसमें 1500 से अधिक आकृतियाँ हैं जिन्हें हर बारह वर्षों में मरम्मत और फिर से रंगा जाता है। चमकीले रंगों की यह आकृतियाँ यहाँ आने वाले सभी पर्यटकों को आकर्षित करती है। दुनिया भर से पर्यटक न केवल धार्मिक कारण से बल्कि मंदिर की भव्यता के कारण भी मंदिर को देखने आते हैं।
3 जगन्नाथ मंदिर, पुरी / Jagannath Temple, Puri

इस सूची में सबसे पुराने मंदिरों में से एक, भारतीय राज्य ओडिशा के पूरी मे स्थित जगन्नाथ मंदिर भी है। यह 12 वीं शताब्दी का मंदिर है जो भगवान विष्णु को समर्पित है। यहां भगवान विष्णु के अवतार कृष्ण की पूजा की जाती है। यह 45 मंजिला ऊंचा मंदिर, अद्भुत वास्तुकला का एक शानदार उदहारण है। भारत के पूर्वी तट पर स्थित जगन्नाथ मंदिर हिन्दू धर्म के लोगो द्वारा की जाने वाली चार धामों की यात्रा का भी हिस्सा है जिसमे यह तीसरा धाम है। जगन्नाथ पूर्व दिशा का प्रतिनिधित्व करते है।
यह मंदिर समृद्ध इतिहास के अलावा, यहां हर साल आयोजित होने वाली विशाल रथ यात्रा के लिए भी प्रसिद्ध है। दुनिया भर से लोग हर साल इस यात्रा मे शामिल होने के लिए पूरी आते है और भगवान जगन्नाथ का आशीर्वाद लेते है। इसके अलावा भी मंदिर से जुडी अनेकों अद्भुत बातें है जो लोगो को अपनी और आकर्षित करती है।
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4 केदारनाथ मंदिर, उत्तराखंड / Kedarnath temple

उत्तराखंड के गढ़वाल क्षेत्र की हिमालय की सीमा में स्थित केदारनाथ मंदिर दुनिया के सबसे प्रसिद्ध तथा पवित्र शिव मंदिरों में से एक है। कहा जाता है कि भगवान शिव के इस निवास स्थान को, पांडवों ने बनवाया गया था, महाभारत युद्ध के दौरान उनके द्वारा किए गए पापों के प्रायश्चित करने के लिए।
यह उत्तराखंड के चार धामों में से एक है और तीर्थयात्रियों को यहाँ पहुंचने के लिए 14 किलोमीटर लम्बे पहाड़ी रस्ते पर चलकर जाना होता है। परन्तु मंदिर की तीर्थयात्रा करने वाले लोगो को यहाँ पहुंचने के लिए गर्मियों के महीनों का इंतजार करना पड़ता है।
यह मंदिर ग्लेशियर और बर्फ से ढकी पहाड़ी चोटियों से घिरा हुआ हैं और समुंदर तल से 11,755 फीट (3,583 मीटर) की ऊंचाई पर है। सर्दियों के दौरान, यह पूरा क्षेत्र बर्फ से ढक जाता है। इसलिए अधिक ठंड के कारण सर्दियों के दौरान मंदिर बंद रहता है। यहां तक कि भगवान शिव की मूर्ति को उखीमाथ में स्थानांतरित कर दिया जाता है और वहीँ 5, 6 महीने तक इनकी पूजा की जाती है।
केदारनाथ मंदिर न केवल भक्तों के बीच प्रसिद्ध है बल्कि यह पर्यटकों और प्रकृति प्रेमियों के बीच भी काफी प्रसिद्ध है।
5 काशी विश्वनाथ मंदिर, वाराणसी / Kashi Vishwanath

वाराणसी शहर को भारत की आध्यात्मिक राजधानी माना जाता है। माना जाता है कि गंगा नदी के पवित्र जल में स्नान करने से सभी पाप धूल जाते है इसलिए दुनिया भर से लोग यहाँ आते हैं। यह शहर दुनिया के सबसे पुराने शहरों में से एक है।
वाराणसी में ही गंगा नदी के पश्चिमी तट पर बना है काशी विश्वनाथ मंदिर, जो भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक है। इसकी शानदार बनावट और शिल्पकला सबको आकर्षित करती है। मंदिर का सबसे बड़ा आकर्षण, 15.5 मीटर ऊंचा सोने का शिखर और सोने का गुंबद है। 1835 में सिख साम्राज्य के महाराजा रणजीत सिंह ने मंदिर के गुंबद पर चढ़ाने के लिए 1 टन सोना दान किया था। यहाँ के तीनों गुंबद शुद्ध सोने से बने हैं। साथ ही यहाँ नंदी बैल की 7 फुट ऊंची पत्थर की मूर्ति है जो अपने आप मे ही अद्भतु है।
मंदिर के अंदर एक कुआँ भी है जिसे ज्ञान वापी कहा जाता है जिसका अर्थ है ज्ञान का कुआँ। मुख्य मंदिर के अलावा, कालभैरव, विरुपाक्ष गौरी, विनायक, कार्तिकेय, शनि, विष्णु और अविमुक्तेश्वर जैसे अन्य छोटे मंदिर भी यहाँ हैं। काशी विश्वनाथ की यात्रा को मोक्ष प्राप्त करने का एक मार्ग माना जाता है।
6 रामनाथस्वामी मंदिर, रामेश्वरम / Ramnathswamy Temple, Rameshwaram

रामेश्वरम मंदिर तमिलनाडु के समुद्र तट दूर एक छोटे से द्वीप पर स्थित है | इस द्वीप को पम्बन द्वीप कहा जाता है। यह भगवान शिव का एक मंदिर है, भगवान शिव के 12 स्थापित ज्योतिर्लिंग में से एक इस मंदिर में मौजूद है। रामेश्वरम मंदिर को रामनाथस्वामी के नाम से भी जाना जाता है। दुनिया भर में हिंदू धर्म के लोगों द्वारा इस मंदिर को अत्यधिक पवित्र माना जाता है। यह मंदिर हिन्दुओं द्वारा की जाने वाली चार धामों की यात्रा का दूसरा मंदिर है,जो दक्षिण दिशा का प्रतिनिधित्व करता है। भारत के उत्तर मे काशी की जो मान्यता है, वही दक्षिण में रामेश्वर की है।
पौराणिक कथाओं के अनुसार रामनाथस्वामी मंदिर महाकाव्य रामायण के जितना ही पुराना है। क्योंकि ऐसा माना जाता है कि यहीं वो पहला स्थान है जहाँ भगवान राम, देवी सीता के साथ रावण को हराने के बाद आए थे।
यह भारत का एक बहुत ही सुंदर तथा पवित्र तीर्थ स्थल है। इस अनोखे मंदिर का अनुभव करने और भारत के दक्षिणी क्षेत्रों की सुंदरता का आनंद लेने यहाँ प्रति वर्ष लाखों की तादाद में श्रद्धालु पहुंचते हैं।
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7 द्वारकाधीश मंदिर, द्वारका / Dwarkadeesh Temple, Dwarka

भारतीय राज्य गुजरात के द्वारका शहर में स्थित है द्वारकाधीश मंदिर। जिसे जगत मंदिर के रूप में भी जाना जाता है। अरब सागर पर द्वारका शहर में स्थित, यह मंदिर भगवान कृष्ण को समर्पित है जो यहाँ द्वारकाधीश या ‘द्वारका के राजा’ के नाम से पूजे जाते है। द्वारकाधीश मंदिर चार धामों में से चौथा है, जो पश्चिम दिशा का प्रतिनिधित्व करता है।
समुद्र तल से लगभग 12.19 मीटर (40.0 फीट) की ऊंचाई पर स्थित है। यह एक पांच मंजिला इमारत है जो 72 खंभों पर बनी सहारे खड़ी है। पुरातात्विक प्रमाण बताते हैं कि यह लगभग 2,500 वर्ष पुराना मंदिर है। कथाओं के अनुसार यह मंदिर भगवान कृष्ण के पौराणिक महल के स्थान पर बनाया गया है। मंदिर के ऊपर लगा ध्वज सूर्य और चंद्रमा को दर्शाता है, जिसका बारे मे कहा जाता है कृष्ण तब तक रहेंगे जब तक सूर्य और चंद्रमा पृथ्वी पर मौजूद रहेंगे। ध्वज को दिन मे चार बार बदला जाता है लेकिन वह प्रतिक वही रहता है। द्वारकाधीश का आशीर्वाद सब पर बना रहे।
8 स्वर्ण मंदिर अमृतसर / Golden temple Amritsar
स्वर्ण मंदिर का मूल नाम श्री हरमंदिर साहिब मंदिर है। यह अमृतसर में स्थित है और इसे सिख धर्म में सबसे पवित्र स्थल माना जाता है। स्वर्ण मंदिर अपनी अद्भुत तथा आकर्षक वास्तुकला के लिए पूरी दुनिया भर में मशहूर है। चमकदार सोने की दीवारों और कलात्मक बनावट के कारण दुनिया भर के लाखों लोग इस पवित्र स्थल की ओर आकर्षित होते है और केवल सिख धर्म के लोग ही नही, बल्कि दुनिया के सभी धर्मों के लोग हर साल यहां दर्शन के लिए आते हैं। इसलिए स्वर्ण मंदिर (Golden Temple) सद्भाव और समानता का प्रतीक है।
यह एक पवित्र तालाब से घिरा हुआ है जिसे अमृत सरोवर कहा जाता है। भक्त गुरूद्वारे मे दर्शन करने से पहले सरोवर के पवित्र जल में स्नान करते हैं। स्वर्ण मंदिर, दुनिया में सबसे बड़ी लंगर सेवा का आयोजन करता है, जहाँ सभी धर्मो के लोग बिना किसी जाति या धर्म के भेदभाव के, जमीन पर एक साथ पंक्तियों में बैठते हैं और भोजन करते है। यहां सभी लोगो को समान माना जाता है। यह प्रतिदिन लगभग 100,000 से ज्यादा लोगो लंगर करवाया जाता है।
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9 बद्रीनाथ मंदिर

भारत के राज्य उत्तराखंड के चमोली जिले में, अलकनंदा नदी के किनारे, गढ़वाल पहाड़ी इलाकों में स्थित बद्रीनाथ मंदिर, भारत के सबसे प्राचीन और प्रसिद्ध मंदिरों में से एक है। इसे बद्रीनारायण मंदिर भी कहा जाता है। जो भगवान विष्णु को समर्पित है। यह मंदिर दुनिया में भगवान विष्णु को समर्पित 108 दिव्य देशमों (वैष्णव दिव्य देशम) में से एक है, जिन्हें बद्रीनाथ के रूप में पूजा जाता है। यह हिंदुओं की चार धाम तीर्थ यात्रा, के चार धामों में से भी एक है। चार धाम चार दिशाओं का प्रतिनिधित्व करते हैं, बद्रीनाथ उत्तर दिशा का प्रतिनिधित्व करते हैं।
मंदिर का उल्लेख विष्णु पुराण और स्कंद पुराण जैसे प्राचीन धार्मिक ग्रंथों में भी मिलता है। यह भारत के सबसे अधिक देखे जाने वाले तीर्थस्थलों में से एक हैं। बद्रीनाथ मंदिर में मनाया जाने वाला सबसे प्रमुख त्योहार माता मूर्ति का मेला है। यह धरती पर गंगा नदी के अवतरण की याद दिलाता है। यह सितंबर के महीने में होती है।
यह मंदिर समुद्र तल से लगभग 10,279 फीट (3,133 मीटर) की ऊंचाई पर स्थित है और इसकी यात्रा भी काफी कठिन है। यह मंदिर केवल छः महीने के लिए खुला रहता है। यहाँ केवल गर्मियों के महीनों में (अप्रैल से नवंबर के बीच) ही पहुँचा जा सकता है, जब मौसम कम सर्द होता है। बाकि सर्दियों के मौसम के दौरान, अत्यधिक बर्फ के कारण आपके लिए मंदिर की यात्रा करना असंभव होगा।
10 विरुपाक्ष मंदिर, कर्नाटक / Virupaksha Temple, Karnataka
विरुपाक्ष मंदिर Virupaksha Temple भारत के कर्नाटक राज्य में, बल्लारी जिले के हम्पी गांव में स्थित है। यह हम्पी के स्मारक समूह का हिस्सा है, जो यूनेस्को की विश्व धरोहर स्थल की सूचि मे शामिल है। यह मंदिर भगवान शिव को समर्पित है भगवान विरुपाक्ष, शिव का एक रूप है-। 1336-1570 A.D. के विजयनगर साम्राज्य के दिनों में यह मंदिर बनाया गया था, यह देव राय द्वितीय के अधीन था।
श्री विरुपाक्ष मंदिर भारत के उन प्रसिद्ध मंदिरों में से एक है जो अद्भुत तथा आश्चर्यजनक वास्तुकला से भरा हुआ है। इसी कारण इसे विश्व घरोहर स्थल का दर्जा प्राप्त है। इस मंदिर के आस पास की जगह खण्डार बन चुकी है पर अभी भी यह मंदिर पूजा में उपयोग किया जाता है। सदियों से इसे सबसे पवित्र स्थल माना जाता रहा है और आज भी कई तीर्थयात्री यहाँ भगवान शिव का दर्शन करने आते है।
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